Aug ०२, २०२१ १९:०७ Asia/Kolkata
  • यूपी में मोहर्रम के जुलूसों और अज़ादारी को निशाना बनाकर शियों को बदनाम करने और समाज में फूट डालने की कोशिश

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की तरफ़ से डीजीपी मुकुल गोयल ने रविवार को मोहर्रम के महीने में मातमी जुलूसों के लिए गाइडलाइन जारी की है, जिस पर देश भर के शिया मुसलमान कड़ी आपत्ति दर्ज करा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा जारी किए इस सर्कुलर के मुताबिक़, मुहर्रम के महीने में जुलूसों पर प्रतिबंध लगा रहेगा।

बीजेपी की प्रदेश सरकार की तरफ़ से पुलिस द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस में अज़ादारी और जुलूसों से जुड़े कई ऐसे आरोप लगाए गए हैं, जिन्हें शिया धर्मगुरु पूरी तरह से मनगढ़त और समाज में फूट डालने वाला बता रहे हैं।

पुलिस की गाइडलाइंस को देखकर यह साफ़ हो जाता है कि इसमें दिए गए दिशा निर्देशों का कोरोना प्रोटोकॉल से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि राजनीतिक उद्देश्यों से मोहर्रम की ऐतिहासिक अज़ादारी को निशाना बनाया जा रहा है।

गाइडलाइंस के चौथे पाइंट के एक हिस्से में आरोप लगाया है कि पुराने लम्बित धार्मिक एवं साम्प्रदायिक प्रकरणों, तथा ऐसे नये उठने वाले विवादों, अपरम्परागत धार्मिक जुलूसों एवं कार्यो, यौन संबंधी घटनाओं, गौवंश वय/परिवहन आदि घटनाओं को लेकर पूर्व में अनेक अवसरों पर सम्प्रदायिक सद्भाव प्रभावित होता रहा है। इसी तरह से इसमें शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच मतभेदों को भी हवा देने की कोशिश की गई है।

शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करके कहा है कि पुलिस गाइडलाइंस में शिया मुसलमानों को निशाना बनाया गया है और उन्हें अपमानित किया गया है। इसमें झूठी और मनगढंत बातें शामिल की गई हैं कि शिया मोहर्रम में तबर्रा पढ़ते हैं, जिससे झगड़ा होता है, जबकि मोहर्रम के जूलिस में तबर्रा नहीं पढ़ा जाता है।

उन्होंने यह भी कहा कि आवारा पशुओं पर तबर्रा लिखे जाने वाली बात भी बिल्कुल झूठ है। यह लोग मोहर्रम के ज़रिये हिन्दू-मुस्लिम दंगा करवाना चाहते हैं। यह यूपी डीजीपी की तरफ़ से जारी की गई गाइड लाइन कम और किसी अलक़ायदा के आतंकवादी का बयान ज़्यादा लग रहा है।

मौलाना कल्बे जवाद का कहना था कि जब तक यह गाइडलाइंस वापस नहीं होती, तब तक हम लोग इनकी पीस मीटिंग का बॉयकाट करते रहेंगे। इसकी शिकायत लेकर हम मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक जाएंगे।

वहीं कुछ लोगों ने मौलाना पर आरोप लगाया है कि वह योगी और मोदी सरकारों की आलोचना करने से बचते रहे हैं, जबकि अज़ादारी को निशाना बनाने वाली असली मुजरिम योगी सरकार ही है, और पुलिस ने यह गाइडलाइन योगी सरकार की तरफ़ से जारी की है।  msm

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