इराक़ के तेल के कुंओं पर तुर्की की बुरी नज़र
राजनीतिक मामलों के एक विशेषज्ञ का कहना है कि इराक़ के मूसिल और करकूक इलाक़ों के तेल के स्रोतों पर तुर्की ने अपनी लालची नज़रें गाड़ रखी हैं।
हैसम अल-ख़ज़अली ने शनिवार को प्रेस टीवी से बात करते हुए कहाः तुर्की मूसिल और करकूक के तेल के कुओं पर क़ब्ज़ा करना चाहता है, यही वजह है कि वह सिंजर में बैठकर सीरिया के अलेप्पो और मूसिल के भौगोलिक संपर्क को काटने की कोशिश कर रहा है।
उन्होंने कहा कि तुर्की, मध्य पूर्व में अमरीका के प्रभाव को कम करने का प्रयास कर रहा है और इसीलिए वह वर्तमान में लीबिया, सीरिया, भूमध्यसागर और उत्तरी इराक़ में मौजूद है।
अल-ख़ज़अली का कहना था कि तुर्की के इन सभी अभियानों का उद्देश्य, ऊर्जा संसाधनों तक पहुंच को सुनिश्चित करना है।
पिछले अप्रैल महीने में तुर्की ने कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) के उग्रवादियों का पीछा करने के बहाने उत्तरी इराक़ के मेतीना और अवासिन-बस्यान क्षेत्रों में पेंस-सिमसेक और पेंस-यिल्दिरिम सैन्य अभियान शुरू किए थे।
इराक़ी विदेश मंत्रालय ने अर्ध-स्वायत्त कुर्दिस्तान क्षेत्र में अंकारा के सैन्य अभियानों पर कड़ा विरोध जताया था और इसे देश की संप्रभुता और अखंडता का खुला उल्लंघन क़रार दिया था।
मंत्रालय ने उत्तरी इराक़ में एक स्थायी सैन्य अड्डा स्थापित करने के बारे में तुर्क गृह मंत्री सुलेमान सोयलू के बयान की भी निंदा की थी। msm
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