Aug ०२, २०२१ १९:३३ Asia/Kolkata
  • इस्राईली जहाज़ पर ओमान सागर में हुए हमले ने बहुत से समीकरण बदल दिए, क्या सीरिया के ज़बआ एयरपोर्ट पर इस्राईली हमले का यह ईरानी इंत़ेक़ाम है?

इस्राईल के प्रधानमंत्री नफ़ताली बेनेत ने ईरान पर आरोप लगाया कि ईरान ने ही ड्रोन विमानों का इस्तेमाल करके अरब सागर में ओमान के तट के सामने इस्राईली टैंकर पर हमला किया है।

अगर यह आरोप सही है तो इसका मतलब यह है कि ईरान ने नया समीकरण स्थापित कर दिया है जिसका पैग़ाम यह है कि अगर तुम सीरिया में हमारे ठिकाने पर हमला करोग तो हम खुले समंदर में तुम्हारे जहाज़ों को ध्वस्त कर देंगे।

इस नए समीकरण के स्थापित कर दिए जाने की बात इसलिए भी सही लगती है कि बहुत सोच समझ कर एक ख़बर लीक की गई है जिसमें इस्राईली और अमरीकी अधिकारियों के इस विचार को एक साथ एकत्रित किया गया है कि यह हमला सीरिया के ज़बआ एयरपोर्ट पर इस्राईल के हमले के जवाब में किया गया है। यह ख़बर ईरान के अलआलम टीवी चैनल से प्रसारित की गई। इस्राईल के हमले में ईरान की आईआरजीसी फ़ोर्स का एक सैनिक शहीद हुआ और हिज़्बुल्लाह के चार सदस्य घायल हुए थे जिनमें दो की हालत नाज़ुक है।

आईआरजीसी के क़रीब माने जाने वाले लेबनानी सूत्रों ने बताया कि एयरपोर्ट पर इस्राईली हमले का ईरान ने तत्काल जवाब इसलिए दिया कि इस्राईल हद से आगे बढ़ने की कोशिश कर रहा था। क्योंकि इस हमले में उसने हथियार डिपो नहीं बल्कि सैनिकों को निशाना बनाया था।

ईरानी इंतेक़ाम का इस अंदाज़ से एलान यह इशारा करता है कि ईरान अब इस्राईल का कोई भी हमला बर्दाश्त नहीं करेगा बल्कि फ़ौरन जवाबी कार्यवाही करेगा। टैंकर पर दो बार हमला हुआ। पहला हमला मिसाइल से किया गया जिसे आम ड्रोन विमान लेकर गया जबकि दूसरा हमला आत्मघाती ड्रोन से किया गया। इसके नतीजे में टैंकर के कर्मीदल के दो सदस्य मारे गए एक ब्रितानी और दूसरा रोमानियाई था।

इस्राईल के विदेश मंत्री याईर लबीद ने कहा कि इस्राईल इसका कड़ा बदला लेगा, इस्राईली मीडिया ने कहा कि जवाबी हमले की तैयारी पूरी हो चुकी है और टारगेट पर भी नज़र है लेकिन हमें इस्राईल की इस बात में इसलिए शक है कि वह रोता पीटता सुरक्षा परिषद में गया है जबकि उसे मालूम है कि चीनी और रूसी वीटो वहां तैयार है।

इस्राईल को इस मामले में हर हाल में नुक़सान ही उठाना पड़ेगा। अगर वह यह हमला बर्दाश्त कर लेता है तो इसका मतलब होगा कि उसने अपनी हार मान ली है और अगर उसने ईरान के किसी टारगेट पर हमला किया तो इसका मतलब होगा कि वह ईरान के जाल में फंस गया है। इसलिए कि ईरान के पास इस्राईल पर हमले की भरपूर तैयारी कई दिशाओं में मौजूद है।

जिस टैंकर पर हमला हुआ वह इस्राईली अरबपति इयाल ऊफ़र की कंपनी का था। इस हमले से साफ़ हो गया कि अब इस्राईल से जंग में फ़ैसला ईरान कर रहा है कि वह कहां और कब लड़ाई लड़ेगा। ईरान चाहेगा तो खुले समंदर में लड़ाई होगी और चाहेगा तो इस्राईल के भीतर युद्ध लड़ा जाएगा क्योंकि ईरान के घटक पूरी तरह तैयार हैं।

हालिया ग़ज़्ज़ा युद्ध में भी ईरान ने इस्राईल को खुला संदेश दे दिया है। ईरान ने एक ड्रोन भेजा जिसकी रेंज 2000 किलोमीटर है और यह ग़ज़्ज़ा पट्टी तक पहुंच गया। ईरान का संदेश यह है कि वह भूमध्य सागर में इस्राईल की हैफ़ा और उसदूद बंदरगाहों को आसानी से निशाना बना सकता है।

आख़िर में हम बस यही कहेंगे कि इस्राईल के मुंह पर दो ज़ोरदार तमाचे पड़े हैं। पहला तमाचा तब पड़ा जब रूस ने सीरिया को वह मिसाइल ढाल सिस्टम दे दिया जो इस्राईल के सारे मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है और उसने हुम्स पर इस्राईल के हमलों में यही किया कि सारे इस्राईली मिसाइलों को मार गिरया। दूसरा तमाचा तब पड़ा जब इस्राईल के टैंकर पर हमला हो गया। इस हमले से इस्राईल को यह संदेश गया कि अगर उसने सीरिया के भीतर कोई भी हमला किया तो उसका बदला ज़रूर लिया जाएगा और बदला कहीं भी लिया जा सकता है।

अब्दुल बारी अतवान

अरब जगत के विख्यात लेखक व टीकाकार

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