क़तर के अमीर शेख़ तमीम बिन हमद आल सानी ने ग़ज़ा में ज़ायोनी सेना के अपराधों पर रोक लगाने की मांग की है।
विदेशमंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान ने फार्स की खाड़ी और हिन्द महासागर में जहाज़ों की सुरक्षा पर बल देते हुए कहा है कि इस्राईल ने क्षेत्र की सुरक्षा को गम्भीर और पूरी तरह खतरे में डाल रखा है।
ईरान जिस प्रकार से फ़िलिस्तीनियों का समर्थन कर रहा है उसकी सराहना क़तर ने की है।
28 देशों के पर्यटकों को अब ईरान के वीज़े की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
क़तर के विदेश मंत्री "अब्दुर्रहमान आले सानी" ने कहा है कि क़ैदियों की अदला-बदली के संबंध में हमास और ज़ायोनी सरकार के बीच वार्ता में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।
ईरान और क़तर के विदेश मंत्रियों ने ज़ायोनी शासन की सैन्य कार्रवाई के नकारात्मक प्रभावों, अवैध अधिकृत क्षेत्रों, बाबुल मंदब और लाल सागर के ताज़ा हालात और कुछ क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार विमर्श किया।
क़तर में मौत की सज़ा पाने वाले भारतीय नौसेना के पूर्व अफ़सरों की सज़ाओं में कमी की गई है।
भारत के पूर्व आठ नौसेना अधिकारियों की सज़ाए मौत कारावास में बदल गयी है।
हिब्रू भाषा के एक मीडिया ने ज़ायोनी सूत्रों के हवाले से बताया है कि तमाम दबावों के बावजूद, हमास बातचीत फिर से शुरू करने के संबंध में अपनी पूर्व शर्त पर ज़ोर दे रहा है।
इस्लामी गणराज्य ईरान के विदेश मंत्री ने क़तर के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री के साथ टेलीफोन पर बातचीत में कहा कि इस्लामी प्रतिरोध ने अब तक ज़ायोनी शासन की आक्रामकता का मुंहतोड़ जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि जिस जोश और जज़्बे के साथ प्रतिरोध के जियाले मुक़ाबला कर रहे हैं उसको देखते हुए यह पूरे भरोसे से कहा जा सकता है कि आने वाले दिन इस अवैध शासन के लिए बहुत भयानक होंगे।