रमज़ान के महीने में हर साल की तरह ईरान की इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने रविवार को क़रीब 3 हज़ार छात्रों और राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक संगठनों के प्रतिनिधियों से ढाई घंटे तक मुलाक़ात और बातचीत की।
ईरान के राष्ट्रपति हमारे सैयद इब्राहीम रईसी ने रूस की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा के लगभग दो साल बाद गुरुवार को अपने रूसी समकक्ष के निमंत्रण पर मास्को का दौरा किया। इस्लामी गणराज्य ईरान के राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी जैसे ही गुरुवार को मास्को यात्रा पर पहुंचे पूरी दुनिया की नज़र इस राष्ट्रपति रईसी और रूसी राष्ट्रपति पुतीन के बीच होने वाली मुलाक़ात पर टिकी रही।
ईरान के स्वयं सेवी बलों के एक समूह ने सुप्रीम लीडर से मुलाक़ात की।
अवैध आतंकी ज़ायोनी सरकार के पाश्विक हमलों में शहीद होने वाले फ़िलिस्तीनियों की संख्या 14854 हो गयी है जिसमें 6150 बच्चे और 4000 महिलायें हैं। इसी प्रकार घायल होने वाले फ़िलिस्तीनियों की संख्या 36 हज़ार से अधिक हो गयी है जबकि 7000 हज़ार फ़िलिस्तीनी अब भी लापता और मलबों के नीचे दबे हैं। इसी प्रकार आतंकी इस्राईली शासन के पाश्विक हमलों के कारण 1.5 मिलियन फिलिस्तीनी बेघर हो चुके हैं।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने रविवार की सुबह आईआरजीसी एयरोस्पेस फोर्स की नवीनतम वैज्ञानिक उपलब्धियों का निरिक्षण किया जबकि उन्होंने आशूरा यूनिवर्सिटी ऑफ एयरोस्पेस साइंसेज एंड टेक्नोलॉजीज की प्रदर्शनी में भी भाग लिया।
इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता और आर्म्ड फ़ोर्सेज़ के सुप्रीम कमांडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने आज रविवार की सुबह "आशूरा एरोस्पेस साइंसेज़ यूनिवर्सिटी" पहुंच कर डेढ़ घंटे तक आईआरजीसी की एरोस्पेस विंग की ताज़ातरीन उपलब्धियों निरक्षण किया।
हर वर्ष की तरह इस साल भी मोहर्रम के पहले शुक्रवार को ईरान समेत दुनिया भर के 45 देशों में इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के सबसे छोटे बेटे हज़रत अली असग़र अलैहिस्सलाम की याद में अंतर्राष्ट्रीय अली असग़र दिवस मनाया गया।
पूरे इस्लामी गणतंत्र ईरान में इस्लामी क्रांति की सफलता की 44वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है।
पूरे ईरान में इस्लामी क्रांति की सफलता की 44वींवर्षगांठ मनाई जा रही है
पिछले दिनों इस्लामी गणराज्य ईरान के राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी कुर्दिस्तान प्रांत की पूर्वोत्तर सीमा पर स्थित सनंदज शहर के दौरे पर गए थे। वहां उन्होंने सड़कों पर उतरकर आम लोगों से उन्होंने मुलाक़ात की और उनकी समस्याओं को सुना।