Sep ०४, २०२४ १४:३४ Asia/Kolkata
  • लेबनानी प्रतिरोध के हमलों की वजह से ज़ायोनी बस्तियां अंधेरे में/यमनियों ने एक और जहाज़ को निशाना बनाया
    लेबनानी प्रतिरोध के हमलों की वजह से ज़ायोनी बस्तियां अंधेरे में/यमनियों ने एक और जहाज़ को निशाना बनाया

पार्सटुडे - रेजिस्टेंस फ्रंट ने मज़लूम फ़िलिस्तीनी जनता का समर्थन करने के लिए अतिग्रहणकारी ज़ायोनियों और उनके समर्थकों को निशाना बनाया।

लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़्बुल्लाह ने घोषणा की कि ग़ज़ा में मज़बूत और साहसी फ़िलिस्तीनी राष्ट्र और उसके बहादुर और महान प्रतिरोध के समर्थन में, उसने सोमवार से कई कत्युशा रॉकेटों से "ऐने याक़ूब", "गातून" और "यहईआम" की ज़ायोनी बस्तियों को निशाना बनाया है।

पार्सटुडे के अनुसार, हिज़्बुल्लाह की तोपखाना इकाई ने "अदासर" के पहाड़ी इलाक़ों में ज़ायोनी सैनिकों के एकत्र होने की जगह को भी निशाना बनाया।

सोमवार को, हिज़बुल्लाह ने रॉकेट हमलों से अवैध अधिकृत शबआ फ़ार्म्ज़ के क्षेत्रों में स्थित "ज़बदीन" और कफ़र शबआ की क़ब्ज़े वाली पहाड़ियों में स्थित "अल-रमसा" के क्षेत्रों को भी निशाना बनाया।

ज़ायोनी शासन के मीडिया ने एलान किया की कि "ऐने याक़ूब" की ज़ायोनी बस्ती पर हिज़्बुल्लाह के रॉकेट हमले के बाद, इस बस्ती की बिजली काट दी गई।

दूसरी ओर यमनी सेना ने यह भी घोषणा की कि उसने अवैध ज़ायोनी शासन के बंदरगाहों की ओर यातायात प्रतिबंध के उल्लंघन की वजह से लाल सागर में (ब्लू लैगून) (BLUE LAGOON) जहाज को निशाना बनाया है।

यमन की सशस्त्र सेना के प्रवक्ता यहिया सरी के बयान के अनुसार, इस जहाज को यमनी प्रतिरोध द्वारा मिसाइलों और ड्रोन हमलों से निशाना बनाया गया था।

इस हमले की सफलता का ज़िक्र करते हुए यमन की सशस्त्र सेना के प्रवक्ता ने फ़िलिस्तीनी राष्ट्र और उसके प्रतिरोध के समर्थन में यमनी सशस्त्र बलों के नौसैनिक अभियानों को तब तक जारी रखने पर जोर दिया जब तक कि ज़ायोनी हमले बंद नहीं हो जाते और ग़ज़ा पट्टी की नाकाबंदी ख़त्म नहीं हो जाती।

मज़लूम लोगों के ख़िलाफ़ व्यापक युद्ध आरंभ कर दिया है परंतु अब तक घोषित लक्ष्यों में से किसी भी एक लक्ष्य को वह हासिल नहीं कर सकी है।

प्राप्त अंतिम रिपोर्टों के अनुसार ज़ायोनी सरकार के पाश्विक हमलों में अब तक 40 हज़ार से अधिक फ़िलिस्तीनी शहीद और 92 हज़ार से अधिक घायल हो चुके हैं।

ज्ञात रहे कि ब्रिटेन की साम्राज्यवादी नीति के तहत ज़ायोनी सरकार का ढांचा वर्ष 1917 में ही तैयार हो गया था और विश्व के विभिन्न देशों व क्षेत्रों से यहूदियों व ज़ायोनियों को लाकर फ़िलिस्तीनियों की मातृभूमि में बसा दिया गया और वर्ष 1948 में ज़ायोनी सरकार ने अपने अवैध अस्तित्व की घोषणा कर दी। उस समय से लेकर आजतक विभिन्न बहानों से फ़िलिस्तीनियों की हत्या, नरसंहार और उनकी ज़मीनों पर क़ब्ज़ा यथावत जारी है।

इस्लामी गणतंत्र ईरान सहित कुछ देश इस्राईल की साम्राज्यवादी सरकार के भंग व अंत किये जाने और इसी प्रकार इस बात के इच्छुक हैं कि जो यहूदी व ज़ायोनी जहां से आये हैं वहीं वापस चले जायें।

 

कीवर्डज़: लेबनान का इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़्बुल्लाह, यमनी सेना, प्रतिरोध मोर्चा, इस्राईली अपराध, ग़ज़ा युद्ध (AK)

 

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