Jan १५, २०२३ १६:५४ Asia/Kolkata

यह अफ़ग़ान लड़की कहती है कि मुझे जर्नलिज़्म पसंद है। रुक़ैया रसूली ने अब तक उम्मीद नहीं छोड़ी है और पुख्ता इरादे के साथ युनिवर्सिटी में दाख़ेला लेने की तैयारी कर रही हैं।

कुछ हफ़्ते पहले तालेबान ने एक आदेश जारी करके लड़कियों को युनिवर्स्टियों में पढ़ाई से रोक दिया है। इस की चपेट में रसूली भी आई हैं।...हम इस उम्मीद पर किताबें पढ़ते हैं कि दुनिया के बड़े लोग कठिन हालात में ख़ुद को आगे बढ़ाते हैं। सुश्री रसूली अकेली नहीं हैं। पश्चिमी काबुल में तीन चार गलियों की दूरी पर सुश्री रजबी रहती हैं वो भी इस स्थिति में हैं।....रजबी कहती हैं कि मुझे पायलट बनना है और पूरी दुनिया देखनी है। मुझे उम्मीद है कि मेरी आरज़ू पूरी होगी। तालेबान की तरफ़ से दो विवादित आदेश अब तक लागू हैं एक आदेश लड़कियों को पढ़ाई से वंचित करने वाला है और दूसरे आदेश में लड़कियों व महिलाओं को अफ़ग़ान या विदेशी निजी संस्थाओं में काम करने से रोक दिया गया है।....ज़हर उन हज़ारों लड़कियों में से एक हैं जो तालेबान के आदेश की वजह से अपनी नौकरी से वंचित हो गईं।.....ज़हरा कहती है कि हमारा खून जलता है इस वर्तमान स्थिति को देखकर। महिलाएं अलग अलग क्षेत्रों में सक्रिय थीं मगर अब घर बैठ गई हैं। तालेबान के यह दोनों आदेश एसी स्थिति में अब तक लागू हैं कि इस्लामी सहयोग संगठन और संयुक्त राष्ट्र संघ सुरक्षा परिषद ने दो बैठकों में मांग की है कि तालेबान अपना यह आदेश निरस्त करें।.....सुरक्षा परिषद ने कहा कि हमने तालेबान से आग्रह किया है कि वे अपना दोनों आदेश तत्काल समाप्त करें और महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करें। अफ़ग़ानिस्तान के सारे स्कूल कालेज फ़िलहाल तो सर्दियों की छुट्टियों पर चल रहे हैं। तालेबान की सरकार के प्रवक्ता ने अपने नए आदेश में कहा है कि लड़कियों की शिक्षा से दूरी वक्ती है रुकावटें दूर हो जाने के बाद बच्चियों को स्कूल में जाने की अनुमति मिल जाएगी। मगर तालेबान महिलाओं की नौकरियों के विषय में अब तक कुछ नहीं बोल रहे हैं जबकि कई अफ़ग़ान और विदेशी सहायता संगठनों का काम ठप्प पड़ चुका है।

दुनिया के बहुत से देश कोशिश कर रहे हैं कि तालेबान दोबारा लड़कियों और महिलाओं को शिक्षा की आज़ादी दे दें और महिलाएं समाज में सक्रिय रूप से काम करें। काबुल से आई आर आईबी के लिए बेहनाम यज़दानी की रिपोर्ट

     

 

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