Jan २२, २०२३ १३:५४ Asia/Kolkata

हालिया हफ़्तों में जंग में रूस का पलड़ा तेज़ी से भारी होता दिखाई दे रहा है जिसकी वजह से अमरीका और नैटो के अन्य सदस्य देश बहुत अधिक सक्रिय हो गए हैं लगातार बैठकें हो रही हैं ताकि रूसी सेना की प्रगति को रोका जा सके।

और इस समय जब मैदाने जंग के हालात यूक्रेन और नैटो के ख़िलाफ़ नज़र आ रहे हैं, यह देश दोबारा बड़ा हमला करने और क्रीमिया को भी रूस से वापस लेने की बात कर रहे हैं।.....रूस में नागरिकों का कहना है कि अमरीका, ब्रिटेन, जर्मनी या अन्य देश अपने आधुनिक टैंक भी यूक्रेन को दे देते हैं तो इसका जंग के समीकरणों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। क्रीमिया पर क़ब्ज़ा करने की बात यूक्रेन के लोग केवल अपने में ही देख सकते हैं।

अमरीका जो अब तक तीस अरब डालर की आर्थिक व सामरिक सहायता यूक्रेन को दे चुका है, सबसे बढ़ चढ़कर मांग कर रहा है कि नैटो के देश विशेष रूप से जर्मनी अपनी सहायता के लिए आगे आएं। .....रूसी पत्रकार का कहना है कि अमरीका और यूरोप यूक्रेन की आर्थिक व सामरिक सहायता कर रहे हैं और यह मामला इतना गंभीर है कि नए साल में अमरीका का सैनिक बजट दुगना हो गया है। बेशक अमरीका का सपना है कि रूस इस जंग में शिकस्त खा जाए मगर अमरीका का दूसरा बड़ा लक्ष्य यह है कि जंग इसी तरह लंबी खिंचती जाए। ताकि उस भारी बजट के बदले जो वे इस जंग पर ख़र्च कर रहे हैं स्टैटेजिक और जियोपोलिटिकल फ़ायदे हासिल कर सकें।

पूर्वी यूक्रेन की सेना की प्रगति लगातार जारी है वहीं रूस वार हेड और पनडब्बियों के क्षेत्र में बड़ी तैयारी में लगा हुआ है। यह अमरीका और नैटो के लिए खुला हुआ पैग़ाम और संजीदा चेतावनी है।.....रूसी अधिकारी कहते हैं कि देश की सैनिक ताक़त का एक भाग ही अभी मैदान में आया है। अगर जंग का दायरा बढ़ता है या अमरीका और यूरोप रूस के ख़िलाफ़ प्रत्यक्ष रूप से जंग में उतरते हैं तो उस स्थिति में अधिक महत्वपूर्ण हथियार जैसे  पोसाइडन तारपीडो को भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

रूसी राष्ट्रपति व्लदमीर पुतीन ने 2018 में कहा था कि इस तारपीडे की रेंज असीमित है और इसे दुश्मन हरगिज़ ध्वस्त नहीं कर सकता और मौजूदा दुनिया में कोई भी हथियार इसका मुक़ाबला करने में सक्षम नहीं है।

मास्को से आईआरआईबी के लिए सैयद अली दाराबी की रिपोर्ट   

 

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