Sep २६, २०२३ १५:१६ Asia/Kolkata
  • क्या नेपाल भारत से ज़्यादा चीन की ओर झुक रहा है

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल प्रचंड 23 सितंबर से 30 सितंबर तक चीन के सात दिवसीय दौरे पर हैं।

तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद, प्रचंड का यह पहला चीन का दौरा है। इससे पहले प्रचंड ने इसी साल, 31 मई से 3 जून तक भारत का दौरे किया था।

2008 में नेपाल में राजशाही ख़त्म होने के बाद, प्रचंड पहली बार नेपाल के प्रधानमंत्री बने थे और उन्होंने पहला विदेशी दौरा चीन का ही किया था।

प्रधानमंत्री के तौर पर चीन के तीसरे दौरे पर प्रचंड ने रविवार को नेपाल-चाइना बिज़नेस समिट में कहाः जब भी मैं यहां आता हूं, चीन मुझे चौंका देता है। मुझे चीन हर बार बदला हुआ दिखता है। यह बदलाव इन्फ़्रास्ट्रक्चर से लेकर मानव संसाधन विकास, ग़रीबी उन्मूलन, शिक्षा और मेडिकल सर्विस के साथ विज्ञान और तकनीक में साफ़ दिखता है। यह अभूतपूर्व है कि चीन ने कमाल की तरक़्क़ी की है।

प्रचंड के इस दौरे में नेपाल ने 25 सितंबर को चीन के साथ 12 समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।

बीजिंग में दोनों देश कृषि, व्यापार, बुनियादी ढांचे, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, डिजिटल अर्थव्यवस्था से लेकर कुछ संस्थागत सुधारों पर एक दूसरे का सहयोग करने के लिए सहमत हुए हैं।

नेपाल और चीन के बीच सड़क संपर्क को बेहतर करने से जुड़े समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं।

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का मुखपत्र माने जाने वाले ग्लोबल टाइम्स को प्रचंड ने इंटरव्यू दिया है।

इस इंटरव्यू में प्रचंड से भारत-चीन संबंधों के बारे में भी पूछा गया कि भारत-चीन संबंधों को देखते हुए कई लोग यह चिंता जता चुके हैं कि नेपाल इसे कैसे लेगा?

प्रचंड इस पर जवाब देते हैः नेपाल के भारत और चीन से संबंध गुटनिरपेक्ष विदेश नीति, शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और अच्छे पड़ोसी के सिद्धांतों पर चलते हैं। नेपाल दोनों देशों से ही स्वतंत्र तरीक़े से रिश्ते रखता है। msm

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