क्या इटली, इथोपिया को साम्राज्यवादी मुआवज़ा देना शुरू करेगा? /क़त्लेआम को नहीं भूलना चाहिए
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क्या इटली, इथोपिया को साम्राज्यवादी मुआवज़ा देना शुरू करेगा? /क़त्लेआम को नहीं भूलना चाहिए
पार्सटुडे - इथोपिया में इटली के साम्राज्यवादी काल के युद्ध के दौरान, अमेरिकी प्रतिनिधि ने वाशिंगटन को टेलीग्राफ़ किया था कि इटालियंस बेरहमी से लोगों को गोली मार रहे थे और घरों में आग लगा रहे थे।
19 फरवरी, 1937 को, इतालवी सेना ने अदीस अबाबा में तीन दिवसीय नरसंहार शुरू किया जिसके नतीजे में 20 हज़ार इथोपियाई लोग मारे गए।
इटली के इतिहास में इस घटना पर बहुत कम ही ध्यान दिया गया जहां सार्वजनिक बहस अभी भी साम्राज्यवादियों के बारे में सहानुभूतिपूर्ण विचारों से भरी हुई हैं।
इटली ने जो अफ़्रीक़ा में यूरोपीय साम्राज्यवादों में एक था, बेनिटो मुसोलिनी (Benito Mussolini) द्वारा "इतालवी साम्राज्य" (Italian Empire) हासिल करने का दावा करके इथोपिया में भयानक अपराध और हिंसा अंजाम दी।
इन अपराधों में नरसंहार, गांवों को जलाना और कृषि उत्पादों को नष्ट करना शामिल था, जो इथोपियाई प्रतिरोध को दबाने के लिए किए गए थे।
इतालवी सेनाओं ने व्यवस्थित रूप से प्रतिरोधकर्ता नेताओं को गिरफ्तार किया और सोमालिया (Somalia) के डेनाने (Danane) जैसे भयानक और ख़तरनाक शिविरों की ओर निर्वासित कर दिया।
इतालवी साम्राज्यवादी इतिहास की सबसे जघन्य घटनाओं में, इथोपिया के वायसराय और पूर्वी इतालवी अफ्रीक़ी (Italian East Africa) गवर्नर-जनरल रोडोल्फो ग्राज़ियानी (Rodolfo Graziani) की अदीस अबाबा में हत्या का प्रयास था।
इस प्रयास में, दो इरिट्रिया देशभक्तों ने ग्राज़ियानी पर कई हथगोले फेंके, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई और ग्राज़ियानी सहित कई अन्य घायल हो गए।
इस घटना की वजह से इतालवी सेना ने लोगों पर क्रूरतापूर्वक हमला किया और उनके घरों में आग लगा दी। इथोपिया में इतालवी अपराधों में सामूहिक हत्याएं और भयानक यातनाएं शामिल थीं, जिन्हें विदेशी गवाहों द्वारा भी दर्ज किया गया था।
अमेरिकी और फ्रांसीसी राजनयिकों ने इन अपराधों का चौंकाने वाला ख़ुलासा किया है।
मिसाल के तौर पर अमेरिकी प्रतिनिधि ने वाशिंगटन को टेलीग्राफ किया कि इटालियंस बेरहमी से लोगों को गोली मार रहे हैं और घरों को जला रहे हैं।
फ्रांसीसी राजनयिक ने इस घटना को एक ऐसे कार्यक्रम के रूप में बताया कि जिसमें उचित ढंग से दफन किए बिना लाशों को एक-दूसरे के ऊपर ढेर लगाकर रख दिया गया और पेट्रोल डालकर आग लगा दी गई।
इन अपराधों को न केवल उनके अपने समय में बल्कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के वर्षों में भी काफी हद तक भुला दिया गया था।
इथोपिया ने इतालवी युद्ध अपराधियों को न्याय के कटघरे में खींचने का प्रयास किया लेकिन शीत युद्ध के हालात और इटली के लिए मित्र देशों के समर्थन के कारण ये प्रयास बुरी तरह से नाकाम रहे।
कई इतालवी युद्ध अपराधियों पर इथोपिया में उनके कार्यों के लिए कभी मुकदमा नहीं चलाया गया और यहां तक कि उन्हें राष्ट्रीय नायकों के रूप में भी याद किया गया।
जानबूझकर की गई यह भूल, इतालवी लोकप्रिय संस्कृति में भी नज़र आती है जहां साम्राज्यवादियों की यादों को सकारात्मक और सहानुभूतिपूर्ण तरीके से पेश किया गया था।
ग़रीब इतालवी पलायनकर्ताओं द्वारा केवल बुनियादी ढांचे के निर्माण और भूमि के सुधार पर ध्यान केंद्रित करने वाली कहानियों ने साम्राज्यवादी काल की हिंसा और अपराध की कठोर वास्तविकताओं की जगह ले ली है।
हालिया वर्षों में, "ब्लैक लाइव्स मैटर" (Black Lives Matter) और "रोड्स मस्ट फॉल" (Rhodes Must Fall) जैसे सामाजिक और राजनीतिक आंदोलनों की वजह से फ्रांस और बेल्जियम (बेल्जियम) जैसे यूरोपीय देशों में साम्राज्यवादी विरासत और उसके बाद की ज़िम्मेदारियों के बारे में बहस शुरू हो गई है।
ये आंदोलन कुछ हद तक साम्राज्यवादी इतिहास के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने में सक्षम रहे हैं और साम्राज्यवाद के अतीत की पुन: समीक्षा और आलोचना और उससे होने वाले नुक़सान के मुआवज़े की मांग करते हैं।
इटली में भी बदलाव शुरू हो गया है। अक्टूबर 2022 में, रोम सिटी काउंसिल ने साम्राज्यवादी जगहों के नामों में सुधार करने का फ़ैसला किया है।
यह फ़ैसला येकाटिट 12-19 फरवरी नेटवर्क (Yekatit 12–19 February Network) के प्रयासों का ही नतीजा है जिसका उद्देश्य ज्ञान को बढ़ावा देना और इतालवी साम्राज्यवाद और उसकी विरासत के बारे में महत्वपूर्ण बहस को आगे बढ़ाना है।
शायद इटालियंस धीरे-धीरे 19 फरवरी के अपने कड़वे इतिहास और वर्तमान पर पड़ने वाले इसके प्रभाव को याद करना शुरू कर देंगे।
यह याददाश्त साम्राज्यवाद से प्रभावित राष्ट्रों को साम्राज्यवादियों द्वारा मुआवज़ा दिए जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
कीवर्ड्स: इटली और इथोपिया, पश्चिमी साम्राज्यवादी, युद्ध अपराधी
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