Sep ०८, २०२४ १८:०४ Asia/Kolkata
  • कभी-कभी एक बड़ा झूठ, ईरान यूक्रेन युद्ध में रूस का साझेदार है!
    कभी-कभी एक बड़ा झूठ, ईरान यूक्रेन युद्ध में रूस का साझेदार है!

पार्सटुडे- यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद से, पश्चिमी देशों ने बारम्बार तेहरान पर बिना किसी सबूत के ईरान के हथियारों को रूस को बेचने का दावा करके इस युद्ध को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। एक ऐसा आरोप जिसका इस्लामी गणतंत्र ईरान के अधिकारियों द्वारा बारम्बार खंडन किया गया है।

हालिया वर्षों में, अमेरिका और कई यूरोपीय देशों के साथ यूक्रेन ने दावा किया है कि रूस ने यूक्रेन युद्ध में ईरानी ड्रोन का इस्तेमाल किया था, लेकिन यह दावा, बिना किसी सबूत के ही पेश किया गया था, ईरान और रूस पर राजनीतिक और आर्थिक दबाव बढ़ाने के साथ ही युद्ध जारी रखने के लिए यूक्रेन में पश्चिमी हथियार भेजने को उचित ठहराने जैसे लक्ष्यों पर काम कर रहा है।

पार्सटुडे के अनुसार, तेहरान के खिलाफ कीव और उसके समर्थकों का दावा ऐसे समय में सामने आया है कि जब ईरान ने बारम्बार इस बात पर ज़ोर दिया है कि वह यूक्रेन में संकट के संबंध में सक्रिय तटस्थता की नीति का पालन करता है।

दरअस्ल, ईरान इस संकट में कोई पक्ष नहीं है और इस संकट की शुरुआत से ही उसने मतभेदों को सुलझाने और युद्ध रोकने के लिए दोनों देशों को कूटनीति के रास्ते पर लौटाने का प्रयास किया है क्योंकि तेहरान के दोनों ही पक्षों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध हैं।

विवाद को सुलझाने के लिए, इस्लामी गणतंत्र ईरान ने इस आरोप के बारे में यूक्रेनी पक्ष के साथ विशेषज्ञ स्तर की बैठकें भी कीं लेकिन यूक्रेनी पक्ष ने युद्ध में रूस द्वारा ईरानी ड्रोन के इस्तेमाल का कोई सबूत नहीं दिया जो उनके बेबुनियाद दावे का निश्चित रूप से एक और सबूत है।

ईरान के शहीद विदेशमंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान के अनुसार, रूस के पास जो कम संख्या में ईरानी ड्रोन हैं, उनका यूक्रेन युद्ध से कोई संबंध नहीं है और इस युद्ध से बहुत पहले हथियारों के सौदे की बात हो चुकी थी।

इस बात के बावजूद, यूक्रेन में युद्ध पर ईरान के शीर्ष अधिकारियों का दृष्टिकोण कभी भी सकारात्मक नहीं रहा है और उन्होंने बारम्बार लोगों के फ़ायदे के लिए इसे समाप्त करने का अह्वान किया है।

यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के तुरंत बाद, इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली खामेनेई ने एक टेलीविज़न भाषण में कहा था: हम लोगों की हत्या, राष्ट्रों के बुनियादी ढांचे के विनाश का विरोध करते हैं, हम दुनिया में कहीं भी ऐसा होने को स्वीकार नहीं करते, यह हमारी अटल बात है।

हम पश्चिमी लोगों की तरह नहीं हैं, हम यूक्रेन में युद्ध रोकने के पक्ष में हैं, हम चाहते हैं कि युद्ध वहीं ख़त्म हो जाए, हालांकि, किसी भी संकट का इलाज तभी संभव है जब संकट की जड़ का पता हो, यूक्रेन में संकट की जड़ अमेरिका की नीतियां, पश्चिमी नीतियां हैं।

पिछले साल, यूक्रेन युद्ध में ईरान के शामिल होने के झूठे दावे को ख़ारिज करते हुए उन्होंने कहा था: हम स्पष्ट रूप से और निश्चित रूप से यूक्रेन में युद्ध में भागीदारी को अस्वीकार करते हैं, और ऐसी बात का सच्चाई से दूर दूर तक का नाता नहीं है।

यूक्रेन में युद्ध, अमेरिका द्वारा पूरब में नैटो का विस्तार करने के लिए शुरू किया गया था और अब जबकि यूक्रेन के लोग बुरी तरह से फंस गए हैं और समस्याओं से पीड़ित हैं, अमेरिका और उसके हथियारों के कारखाने, युद्ध से सबसे अधिक लाभ कमा रहे हैं, और इसकी वजह इससे वे युद्ध समाप्त करने के ज़रूरी काम में बाधाएं डाल रहे हैं।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सात प्रमुख यूरोपीय हथियार निर्माता कंपनियों के साथ, अमेरिकी हथियार निर्माता कंपनियों ने यूक्रेन पर रूसी हमले और ग़ज़ा पट्टी पर इजराइली हमले के बाद जमकर मुनाफा कमाया है।

वित्तीय और रणनीतिक परामर्श संस्थान "एक्यूरेसी" (Accuracy) के अध्ययन से पता चलता है कि फ़रवरी 2022 में यूक्रेनी युद्ध की शुरुआत के बाद से इस उद्योग में सात मुख्य अमेरिकी कंपनियों और उनके यूरोपीय समकक्षों का व्यापार लगभग 60 प्रतिशत बढ़ गया है।

 

कीवर्ड्ज़: ईरान और रूस, ईरान और यूक्रेन, यूक्रेन युद्ध, अमेरिका और यूक्रेन, ईरान पर आरोप (AK)

 

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