Pars Today
पार्सटुडेः इमाम ख़ामनेई से पहले इमाम ख़ुमैनी (1902-1989) ईरान की इस्लामिक क्रांति के संस्थापक और इस्लामी गणराज्य ईरान के नेता थे। उन्होंने यह दिखाया कि इस्लामिक धर्मशास्त्र और राजनीतिक दर्शन को सही वक़्त और सही जगह पर इस्तेमाल किया जाए तो इससे समाज में बदलाव और उसके प्रबंधन के नए रास्तों को खोला जा सकता है।
सैयद मोर्तेज़ा अविनी एक ईरानी डॉक्यूमेंट्री फ़िल्ममेकर, फ़ोटोग्राफ़र, पत्रकार, लेखक और "इस्लामी सिनेमा" के सिद्धांतकार थे, जिनके जीवन और विचारों पर इस लेख में चर्चा की गई है।
अक्तूबर के महीने में ग़ज़ा में युद्ध की शुरुआत के बाद, ज़ायोनी सैनिकों द्वारा फ़िलिस्तीनी नागरिकों की गिरफ़्तारी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर ख़ूब वायरल हुई थीं।
पार्सटुडे- हैंगिग गार्डन्स नामक किताब, ईरान की एक महिला लेखक सुमय्या आलेमी की नई रचना है।
पार्स टुडे- इस्राईल की युनिट 8200 एक इंटैलीजेंस एजेंसी है जो मीडिया के मंच पर सक्रिय है और अफ़वाहे फैलाना, सामाजिक टकराव को हवा देना, सिस्टम्ज़ को हैक करना और कोड व पासवर्ड का पता लगाना इस युनिट की गतिविधियों के मैदान हैं।
पार्स टूडे- अमेरिकी कांग्रेस के रिपब्लिकन प्रतिनिधि टिम वालबर्ग (Tim Walberg) ने एक बैठक में सुझाव दिया कि जैसा परमाणु बम अमेरिका ने जापान में नागासाकी और हिरोशिमा की जनता पर गिराया था, वैसा ही एक परमाणु बम ग़ज़ा पट्टी पर भी गिराया जाना चाहिए ताकि काम जल्दी ख़त्म हो जाए।
ब्रितानी पत्रकार रिचर्ड मेधर्स्ट ने एक ट्वीट में ग़ज्जा में जायोनी सरकार के अपराधों के संबंध में पश्चिमी राजनेता के दोहरे मापदंड की आलोचना की है।
पार्स टुडे- अमरीका का फ़िल्म उद्योग हॉलीवुड 11 सितम्बर 2001 के बाद एक नई स्ट्रैटेजी पर अमल करने लगा जो उसकी पुरानी स्ट्रैटेजीज़ का मिक्सचर है। यह ऐसी स्ट्रैटेजी है जिसके नतीजे में नफ़रत और इस्लामोफ़ोबिया तेज़ी से फैला।
अगर इस्राईल ख़त्म नहीं होता है तो वह दुनिया के लिए एक बहुत ही ख़तरनाक आदर्श के रूप में बाक़ी रहेगा।
माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट एक्स पर एक यूज़र ने अपनी पोस्ट में ग़ज़ा में ज़ायोनी शासन द्वारा फ़िलिस्तीनियों के जातीय सफ़ाए की निंदा की है।