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इस्लामी सरकार के गठन की भूमि कैसे तैयार हुई?
Feb २६, २०२३ १४:१५इमाम ज़ैनुल आबेदीन अलैहिस्सलाम का जन्म 5 शाबान सन 38 हिजरी में हुआ था। उन्होंने पवित्र नगर मदीना में आंखें खोली थीं। उन्के पिता का नाम इमाम हुसैन और माता का नाम शहरबानो था।
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इतिहास की एक ऐसी जंग जिसने झूठ की चूलें हिला दी थीं, केवल पांच चेहरों ने सैकड़ों महारथियों को भागने पर मजबूर कर दिया था!
Jul २४, २०२२ १८:२३दोस्तो इससे पहले कि हम अपने कार्यक्रम का आरंभ करें, सबसे पहले हम अपने सभी श्रोताओं की सेवा में ईदे मुबाहिला के शुभ अवसर पर दिल की गहराईयों के साथ मुबारकबाद पेश करते हैं।
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ग़दीर में ऐसा क्या हुआ था कि आज भी इस्लाम के दुश्मन जल रहे हैं! ग़दीरे ख़ुम की इतिहासिक घटना की कुछ आयामों से समीक्षा
Jul १७, २०२२ १९:२२पवित्र नगर मक्का और मदीना के बीच में ग़दीर नाम का एक छोटा तालाब है जिसके पास इतिहास की महत्वपूर्ण घटना घटी है। 18 ज़िलजिज्जा को महान व सर्वसमर्थ ईश्वर ने पैग़म्बरे इस्लाम पर वही अर्थात ईश्वरीय संदेश भेजा कि हे पैग़म्बर उस चीज़ को पहुंचा दीजिये जो तुम्हारे पालनहार की ओर से उतारी जा चुकी है और अगर आपने यह कार्य नहीं किया तो पैग़म्बरी का कोई कार्य ही अंजाम नहीं दिया और ईश्वर लोगों से आपकी सुरक्षा करेगा।
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एक ऐसा दिन जब तौबा के सारे रास्ते खुले होते हैं, अरफ़ा को क्यों कहा जाता है अरफ़ा?
Jul ०९, २०२२ १४:१७दोस्तो अरफ़ा का दिन एक ऐसा पवित्र दिन है कि जिस दिन हम एक ऐसी मन को सुकून देने वाली दुआ पढ़ते हैं कि जिस दुआ को इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम ने अरफ़ात के मरुस्थल में पढ़ी थी।
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हज केवल एक इबादत नहीं बल्कि एकता और एकजुटता का प्रतीक है
Jul ०७, २०२२ १४:२८पवित्र हज के संस्कारों को आज हज़रत इब्राहीम के हज के तौर पर जाना जाता है, यह केवल एक इबादत नहीं है, बल्कि यह पूरी दुनिया के मुसलमानों के बीच एकता और एकजुटता के लिए किए जाने वाले प्रयासों का अभ्यास है।
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हे शाह आपकी सेवा में आया हूं मुझे शरण दीजिये
Jun २२, २०२२ १३:४४दिवंगत मोहम्मद अली करीमख़ानी की आवाज़ में क्लिप
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हज, अल्लाह के सामने मुसलमानों के नतमस्तक होने का नमूना है
Jun २१, २०२२ १०:२९हज, अल्लाह के सामने मुसलमानों के नतमस्तक होने का नमूना है
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ग़ैर मामूली दिमाग़ जिनियस कैसे बनता है
Jun १९, २०२२ १२:०४ग़ैर मामूली सलाहियत रखने वाले लोगों के बीच आयतुल्लाह ख़ामेनेई की स्पीच - १७ नवम्बर २०२१
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उनकी रहमत को तो यह बात गवारा ही नहीं, उनकी चौखट पे कोई जाए और ख़ाली लौटे...
Jun ११, २०२२ १०:१९उनकी रहमत को तो यह बात गवारा ही नहीं, उनकी चौखट पे कोई जाए और ख़ाली लौटे...
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इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता द्वारा जनता की ओर से इमाम रज़ा अलै. के रौज़े की ज़ियारत करने की क्लिप
Jun ०८, २०२२ १७:५४इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता द्वारा जनता की ओर से इमाम रज़ा अलै. के रौज़े की ज़ियारत करने की क्लिप