पाकिस्तान से फिर नाराज़ हुआ भारत, जाने इस बार क्या है वजह?
इस्लामिक सहयोग संगठन ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन को अगले सप्ताह इस्लामाबाद में अपने विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है। भारत ने इस क़दम की कड़ी आलोचना की है।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, अगले सप्ताह पाकिस्तान में इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की बैठक में शामिल होने के लिए सर्वदलीय हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन को आमंत्रित करने को लेकर भारत ने कड़ा रुख अपनाया है। भारत सरकार ने अपनी नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा है कि वह इस तरह की गतिविधियों को बहुत गंभीरता से लेती है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बाग़ची ने कहा कि हम ओआईसी से उम्मीद करते हैं कि भारत-विरोधी गतिविधियों और आतंकवाद में शामिल रहने वालों को बढ़ावा नहीं दिया जाए। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, "भारत ऐसी कार्यवाहियों को बहुत गंभीरता से लेता है जिसका मक़सद देश की एकता को नुक़सान करना और इसकी संप्रभुता व क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करना है।"

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बाग़ची ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा हमने बार-बार ओआईसी से निवेदन किया है कि वह अपने मंच का इस्तेमाल भारत के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप करने के लिए निहित स्वार्थी तत्वों को देने से बचे। उल्लेखनीय है कि इस्लामाबाद में 22 और 23 मार्च को ओआईसी सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक होने वाली है। इसी से जुड़े सवालों के जवाब में बाग़ची ने यह बातें कही। बता दें कि सर्वदलीय हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का गठन 1992 में मीर वाएज़ उमर फ़ारूक़ के पहले अध्यक्ष के रूप में हुआ था। इसका संविधान हुर्रियत को कश्मीर विवाद के समाधान के लिए "शांतिपूर्ण संघर्ष" जम्मू-कश्मीर आधारित पार्टियों के एक संघ के रूप में वर्णित करता है। हालांकि, ओआईसी में मौजूद कई सदस्य देशों के साथ भारत के गहरे संबंध हैं, जैसे कि सऊदी अरब, संयुक्त अरब इमारात, इंडोनेशिया, बांग्लादेश आदि देश। (RZ)
हमारा व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए क्लिक कीजिए
हमारा टेलीग्राम चैनल ज्वाइन कीजिए