45 हजार करोड़ की सबमरीन खरीदेगा भारत
भारत अपनी समुद्री सीमाओं को और पुख्ता बनाने के लिए 45 हजार करोड़ रुपए की लागत से पनडुब्बियां खरीदेगा।
भारत अपनी समुद्री सीमाओं का पहरा बढ़ाने और समुद्री ताकत में वृद्धि करने के उद्देश्य से 45 हजार करोड़ रुपए की बड़ी राशि की किलर पनडुब्बियां खरीदेगा। इसके लिए भारत को यूरोपीय देश जर्मनी ने बड़ा ऑफर दिया है।
जर्मन सरकार ने भारत को ऑफर दिया है कि दोनों सरकारों के बीच 6 अत्याधुनिक पनडुब्बी खरीदने का सौदा किया जाए। भारत और जर्मनी के बीच इस बड़े सौदे को लेकर बातचीत हुई है। जर्मनी के साथ साथ एक और यूरोपीय देश स्पेन भी भारत को पनडुब्बियां बेचना चाहता है। ये पनडुब्बियां एआईपी से लैस हैं और लंबे समय तक समुद्र के अंदर छिपी रहने में सक्षम होंगी।
पिछले साल जून 2023 में जर्मनी के रक्षा मंत्री बोरिस पिस्तोरियस भारत की यात्रा पर गये थे। इस दौरान पनडुब्बी के लिए खुलकर लामबंदी की थी। यह सबमरीन जर्मन कंपनी टीकेएमएस ने निर्मित की है। वहीं स्पेन की कंपनी "नेवंतिया" ने भारत की एलएंडटी कंपनी के साथ मिलकर पनडुब्बी डील के लिए हाथ मिलाया है। जर्मनी के रक्षा मंत्री ने कहा है कि यह सबमरीन डील दोनों देशों के बीच शानदार परियोजना साबित हो सकती है। तकनीक रूप से केवल जर्मनी और स्पेन की ही पनडुब्बियां भारत के प्रोजेक्ट पी 75एल के लिए योग्य पाई गई हैं।
जर्मन कंपनी ने पहले एल एंड टी के साथ बातचीत की थी, लेकिन बाद में उसने एमडीएल के साथ हाथ मिला लिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार स्पेन अपनी एस80 क्लास की सबमरीन के आधार पर भारत के लिए डिजाइन बनाएगा। एस 80 सबमरीन को सबसे पहले साल 2021 में बनाया गया था। इसे साल 2023 में स्पेन की नौसेना को सौंप दिया गया। स्पेन और जर्मनी दोनों के ऑफर पर अभी विचार चल रहा है। MM
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