-
डंडी मारने वालों पर धिक्कार हो/ समाज और अर्थव्यवस्था के लिए क़ुरआन की एक बड़ी चेतावनी
Jun ०६, २०२४ १६:४६पार्सटुडे- पवित्र क़ुरआन ने कम नाप- तौल को मद्यन शहर की तबाही और उसमें रहने वालों की बर्बादी का कारण बताया है। पवित्र क़ुरआन के 114 सूरों में से 6 सूरों में डंडी मारने की भर्त्सना व निंदी की गयी है।
-
धर्म ने इंसानों के चिंतन- मनन पर बल दिया है/ धर्म और चिंतन- मनन
Jun ०५, २०२४ १७:१०पार्सटुडे- पिछले कुछ दशकों की अपेक्षा हालिया चार दशकों के दौरान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धर्म के बारे में अध्ययन का अधिक स्वागत किया गया है और धीरे- धीरे उसकी कई शाखायें हो गयीं हैं।
-
ईरान और इस्राईल, कौन ज़्यादा परेशानी में?
Jun ०२, २०२४ १९:५२पार्सटुडे, न्यूयॉर्क टाइम्स के स्तंभकार ब्रेट स्टीफ़ेंस (Bret Stephens) ने एक लेख लिखा है जिसका शीर्षक है "कौन ज़्यादा परेशान है, इस्राईल या ईरान?" (Who’s in More Trouble: Israel or Iran) उन्होंने इस आर्टिकल में कुछ बातें लिखी हैं, जिनमें से कुछ सिर्फ़ अवास्तविक, कमज़ोर और निधार हैं। उनके कुछ दावों को हम यहां पेश कर रहे हैं।
-
अल्लाह की आम-ख़ास रहमत के बारे में हम क्या जानते हैं?
May २८, २०२४ १७:११पार्सटुडे- अल्लाह की आम रहमत में दोस्त, दुश्मन, मोमिन, काफ़िर, अच्छे और बुरे सब लोग शामिल हैं। जिस तरह से जब वर्षा होती है तो सब जगह होती है मगर यह बात अल्लाह की विशेष रहमत में फ़र्क़ करती है।
-
क्या राजनेता अल्लाह की इस नेअमत को समझते हैं? छठे इमाम की एक हदीस की शरह
May २७, २०२४ १६:१७पार्सटुडेः शियों के छठे इमाम फ़रमाते हैं" वह ख़ुशनसीब है जो अल्लाह की नेअमतों को कुफ्र में नहीं बदलता है और ख़ुशनसीब वे लोग हैं जो अल्लाह के लिए एक दूसरे से प्रेम करते हैं।
-
दूसरों के अंदर न ऐब व कमी तलाश करो न दूसरों का मज़ाक़ उड़ाओ/ विभिन्न जातियों व क़ौमों के मध्य शांति के लिए एक क़ुरआनी आदेश
May २६, २०२४ १३:४४पार्सटुडे- प्रसिद्ध ईरानी शायर मौलवी अपने शेरों और पैग़म्बरे इस्लाम की हदीस को बयान करते हुए कहते हैं कि कुछ लोग दूसरों की कमियों व ऐबों से पर्दा उठाते और दूसरों से बयान करते हैं परंतु अपनी कमियों और ऐबों के संबंध में अंधे होते हैं।
-
उनके साथ नम्री से पेश आओ/बुज़ुर्गों का सम्मान करने पर पैग़म्बरे इस्लाम और उनके पवित्र परिजनों के कुछ मशविरे
May १२, २०२४ १८:५१पार्सटुडे – हज़रत इमाम सज्जाद अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया: बुज़ुर्गों का सम्मान करो क्योंकि वे बूढ़े हैं, उसके साथ शांति, नर्मी और आहिस्ता व्यवहार करो और उसका मान-सम्मान भी बढ़ाओ।
-
लोगों की ज़रूरतें पूरी करो/ इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम की 11 ख़ूबसूरत सिफ़ारिशें
May ०५, २०२४ ११:४७पार्सटुडे – हज़रत इमाम जाफ़र सादिक अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैं: जो कोई लोगों के मामलों की ज़िम्मेदारी अपने हाथ में ले लेता है, न्याय करता है, लोगों के लिए अपने घर के दरवाज़े खुला रखता है, किसी को नुक़सान नहीं पहुंचाता और लोगों की समस्याओं को दूर करता है, सर्वशक्तिमान ईश्वर की ज़िम्मेदारी है कि वह उसे प्रलय के लिए भय और डर से सुरक्षित रखे और उसे स्वर्ग में ले जाए।
-
लेबर डे, मज़दूरों के अधिकारों के बारे में शिया मुसलमानों के इमामों की 4 सिफ़ारिशें
May ०१, २०२४ १३:५८इस्लामी शिक्षाओं के मुताबिक़, मज़दूरों की क्षमताओं का विकास, एक ज़िम्मेदारी है। हदीस में है कि अगर कोई किसी मज़दूर पर अत्याचार करे, उसकी मज़दूरी या वेतन के बारे में अन्याय करेगा, तो उसके सभी पुण्य बर्बाद हो जाएंगे।
-
न्याय के लिए उठ खड़े हों: न्याय के बारे में पवित्र क़ुरआन की 8 महत्वपूर्ण आयतें जिसके बारे में आपको ज़रूर जानना चाहिए
Apr २९, २०२४ १९:१८पार्सटुडेः पवित्र क़ुरआन के दृष्टिकोण से, सृष्टि की दुनिया में, अस्तित्व की रचना न्याय पर आधारित है, और इसमें उत्पीड़न और अन्याय के लिए कोई जगह नहीं है और क़ानून की दुनिया में न्याय को ईश्वरीय दूतों के मिशन के तीन महत्वपूर्ण लक्ष्यों में से एक माना जाता है। न्यायपूर्ण दृष्टि से हर चीज़ अपनी सही जगह पर होनी चाहिए और हर असली मालिक को उसका अधिकार मिलना चाहिए।