नेटो का कहना है कि हमको यूक्रेन की सेना से बुरी ख़बर की प्रतीक्षा में रहना चाहिए।
युद्ध जहां लोगों की जानें चली जाने और दुखद घटनाओं का काणर बनता है वहीं पर इससे कुछ लोग पैसा भी कमाते हैं।
एसा लग रहा है कि अब यूक्रेन के राष्ट्रपति को एक किनारे लगाने का फैसला कर लिया गया है।
शनिवार की तड़के सुबह यूक्रेन की राजधानी कीव पर रूस ने ड्रोन हमला किया है जिसमें कई लोगों के घायल होने की सूचना है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 78वें सत्र के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने कहा, यूक्रेन और ग़ज़्ज़ा में उथल-पुथल से प्रभावित दुनिया में, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की तत्काल आवश्यकता है।
इस समय पूरी दुनिया की नज़र ग़ज़्ज़ा युद्ध पर टिकी हुई है। हर दिन मरने वालों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। सबसे दुखद चीज़ जो इस युद्ध में देखने को मिल रही है वह है मरने वालों में बच्चों और महिलाओं की तादाद। लेकिन सवाल यहां यह उठता है कि आख़िर फ़िलिस्तीनियों के इस नरसंहार के पीछे कौन लोग हैं और उनके क्या हित छिपे हुए हैं?
हमास और आतंकी शासन इस्राईल के बीच जारी युद्ध को लेकर अमेरिका की न केवल अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर थू-थू हो रही है बल्कि स्वयं अमेरिका के भीतर भी व्यापक्ता के साथ बाइडन प्रशासन का विरोध हो रहा है। इस बीच ग़ज़्ज़ा में युद्धविराम की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को सीनेट की सुनवाई के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के सामने प्रदर्शन किया। कई लोग भीड़ में खड़े होकर बार-बार चिल्ला रहे थे- “अभी युद्धविराम करो!”
इस्राईल इस समय जिस तरह गाज़ा पर पाश्विक हमले कर रहा है उससे यह बात तो साबित होती है कि अवैध ज़ायोनी शासन कभी भी आमने-सामने का युद्ध नहीं लड़ सकता है। जब-जब भी इस्राईल का सामना फ़िलिस्तीनी जियालों हुआ है तब-तब उसके आतंकी सैनिक मैदान छोड़कर भागते नज़र आए हैं। सात अक्तूबर को फ़िलिस्तीनी जियालों द्वारा किए गए जवाबी हमले के बाद एक बार फिर ज़ायोनी शासन ने अपना असली चेहरा दिखाते हुए फ़िलिस्तीनी महिलाओं और बच्चों को निशाना बनाना शुरु कर दिया है।
पिछले साल यूक्रेन-रूस युद्ध की शुरूआत से ही अमरीका और पश्चिमी देश, यूक्रेन का बढ़चढ़कर समर्थन करते चले आ रहे हैं, लेकिन अब यूक्रेन समर्थक इस गठबंधन में फूट पड़ने लगी है।
रूस के राष्ट्रपति का कहना है कि यूक्रेनी नागरिक बिना वीज़े के भी हमारे यहां आ सकते हैं।