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रिपोर्टः ग़ज़्ज़ा पर पाश्विक हमले करके अवैध ज़ायोनी शासन अपनी उम्र और कम कर रहा है, अलअक़्सा ऑपरेशन नेतन्याहू के लिए डरावना सपना बन चुका हैः सर्वोच्च नेता
Nov २३, २०२३ १४:१६इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने बुधवार की सुबह इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में हांग्जो एशियन गेम्ज़ और पैरा एशियन गेम्ज़ में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों और खेल के क्षेत्र में सक्रिय लोगों, पूर्व चैंपियनों और ख़िलाड़ियों से मुलाक़ात में ग़ज़्ज़ा के हालात की ओर इशारा करते हुए कहा कि ज़ायोनी शासन अपने तमाम अपराधों के बावजूद इस शर्मनाक हार की भरपाई नहीं कर सका और भविष्य में भी नहीं कर पाएगा।
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ग़ज़्ज़ा में महिलाओं और बच्चों की स्थिति देखक यूएन एजेंसियों की फिर निकली चीख़, अपने बच्चों की जीवित रखने के लिए माएं रह रही हैं भूखी!
Nov २३, २०२३ १२:०८संयुक्त राष्ट्र की तीन एजेंसियों की प्रमुखों ने, फ़िलिस्तीनी क्षेत्र ग़ज़्ज़ा में, महिलाओं और लड़कियों द्वारा भुगती जा रही ग़ैर-आनुपातिक तकलीफ़ों को बुधवार को सुरक्षा परिषद में रेखांकित किया है। उन्होंने बेहद कमज़ोर लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, एक सामूहिक कार्यावही किए जाने और युद्ध की चपेट में आईं महिलाओं और लड़कियों के लिए दीर्घकालीन शान्ति के लिए प्रतिबद्धता का आग्रह भी किया है।
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अलअक़्सा तूफ़ान ऑपरेशन में मिली हार ने ज़ायोनी शासन का भ्रम तोड़ दियाः राष्ट्रपति रईसी
Nov २३, २०२३ ०९:४८इस्लामी गणराज्य ईरान के राष्ट्रपति ने कहा कि फ़िलिस्तीन और ग़ज़्ज़ा के लोगों और युवाओं ने जो किया और जो वह कर रहे हैं वह अपने अधिकारों की वैध तरीक़े से रक्षा करना है। उन्होंने कहा कि अलअक़्सा तूफ़ान ऑपरेशन से अवैध ज़ायोनी शासन को जो शर्मनाक हार मिली है उसने उसका सारा भ्रम तोड़ दिया है।
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ग़ज़्ज़ा युद्ध ने बहुत सारी छिपी सच्चाइयों से उठाया पर्दा, दुश्मन चाहे जितना ज़ोर लगा ले, उसकी पराजय निश्चित हैः आयतुल्लाह ख़ामेनेई
Nov १९, २०२३ १९:०५इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने अवैध ज़ायोनी सरकार को नस्लवाद का प्रतीक बताया है और कहा है कि आक्रमणकारी ज़ायोनी खुद को एक श्रेष्ठ नस्ल और दूसरों को नीचा और गिरा हुआ इंसान मानते हैं, यही कारण है कि उन्होंने हज़ारों बच्चों का बेरहमी से नरसंहार किया है।
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जिनेवा में ग़ज़्ज़ा की स्थिति पर चर्चा के बाद ईरानी विदेश मंत्री तेहरान लौटे
Nov १७, २०२३ १४:०३इस्लामी गणराज्य ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान जिनेवा में ग़ज़्ज़ा पर मानवाधिकार संगठनों के अधिकारियों से मुलाक़ात और बातचीत के बाद शुक्रवार सुबह तेहरान लौट आए हैं।
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ग़ज़्ज़ा में इंडोनेशियाई अस्पताल पूरी तरह से बंद, अल अहली अस्पताल की भी आतंकी इस्राईली सेना ने की घेराबंदी
Nov १७, २०२३ १३:४५आतंकी इस्राईली सेना किसी भी अंतर्राष्ट्रीय अपील, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को मानने के लिए तैयार नहीं है। लगातार वह मानवाधिकारों को अपने पैरों तले रौंद रही है। इस बीच ग़ज़्ज़ा से मिलने वाली जानकारी के अनुसार, जहां इंडोनेशाई अस्पतला की सेवा पूरी तरह ठप हो गई है तो वहीं अल अहली अस्पताल की आतंकी ज़ायोनी सेना ने पूरी तरह घेराबंदी कर ली है।
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कुछ नहीं तो कम से कम मदद तो कर ही सकते हैं! हमास ने की मानवता प्रेमी सहायता की अपील!
Nov १७, २०२३ १२:५१ईरान में फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास के प्रतिनिधि ने तेहरान के मेयर द्वारा फ़िलिस्तीन के बेघर लोगों के समर्थन में अपनाई गई नीति की सराहना करते हुए कहा कि ग़ज़्ज़ा को मानवीय सहायता की ज़रूरत है।
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वीडियो रिपोर्टः ग़ज़्ज़ा में युद्धविराम को लेकर सुरक्षा परिषद में पास हुआ प्रस्ताव, लेकिन इस्राईल की मनमानी जारी, मानवीय ज़िन्दगियों से बढ़कर हैं नेतन्याहू के लक्ष्य!
Nov १६, २०२३ १९:२४ग़ज़्ज़ा युद्ध और अवैध ज़ायोनी शासन द्वारा फ़िलिस्तीनियों पर किए जाने वाले अत्याचारों और नरसंहार के सामने शांति और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा बनाए रखने वाली संस्था के रूप में संयुक्त राष्ट्र संघ की निष्क्रियता और विशेष रूप सुरक्षा परिषद में जारी गतिरोध ने न केवल इस संस्था की साख को चोट पहुंचाया है बल्कि वैश्विक स्तर पर इसकी काफ़ी आलोचना हो रही है। अब 40 दिन बाद सुरक्षा परिषद ने एक न्यूनतम प्रस्ताव पारित कर ग़ज़्ज़ा युद्ध ख़त्म करने की दिशा में क़दम उठाया है। दिन ब दिन गहराते ग़ज़्ज़ा संकट का ...
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नेतन्याहू के बजाए बश्शार असद की गिरफ़्तारी का वारंट, आख़िर क्यों?
Nov १५, २०२३ १९:४४फ्रांस ने सीरियाई राष्ट्रपति बश्शार असद के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वारंट जारी किया है।
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आख़िर अवैध इस्राईली शासन में ऐसा क्या है कि हज़ारों बच्चों के हत्यारे नेतन्याहू के साथ खड़ा है अमेरिका और कुछ यूरोपीय देश?
Nov १५, २०२३ १६:०२इस समय दुनिया के ज़्यादातर इंसानों के मन में एक सवाल ऐसा सवाल है कि जिसका जवाब किसी को भी नहीं मिल पा रहा है। सवाल यही है कि आख़िर पश्चिमी एशिया में मौजूद अवैध शासन इस्राईल में ऐसा क्या है कि उसके हर अपराध और विशेषकर उसके द्वारा हज़ारों बच्चों की हत्या किए जाने का बावजूद अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और कनाडा समेत कई अन्य देश उसका समर्थन करते चले आ रहे हैं। अवैध ज़ायोनी शासन का समर्थन करने के पीछे क्या उनकी मजबूरी है या फिर यह उनकी किसी साज़िशी योजना का हिस्सा है।