ईदे ग़दीर इस्लाम की सबसे महत्वपूर्ण ईदों में से एक है। ग़दीरे ख़ुम मक्का और मदीना के बीच एक इलाक़ा है, जहां पैग़म्बरे इस्लाम (स) ने अपने आख़िरी हज से वापसी के दौरान, हज़रत अली (अ) को अपना उत्तराधिकारी और ख़लीफ़ा घोषित किया था।
ईरान और सऊदी अरब के बीच राजनयिक संबंधों की बहाली और सहयोग में विस्तार के काम को आगे बढ़ाने के लिए एक सऊदी प्रतिनिधिमंडल तेहरान की यात्रा पर है।
इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामनेई नौरोज़ और नए हिजरी शम्सी वर्ष 1402 के अवसर पर पैग़म्बरे इस्लाम (स) के पौत्र हज़रत इमाम अली रज़ा अलैहिस्सलाम के पिवत्र रौज़े से सीधे देश और दुनिया के लोगों को संबोधित कर रहे हैं।
तेहरान-रियाज़ समझौते के बाद अब बहरैन ने भी ईरान के साथ राजनीतिक और कूटनीतिक संबंध बहाल करने में दिलचस्पी दिखाई है।
इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिवस को ईरान में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है।
शहीद हुसैन ज़ैनाल ज़ादे और शहीद दानियाल रज़ा ज़ादे के हत्यारे आतंकी को सोमवार की सुबह सार्वजनिक स्थान पर लोगों के सामने फांसी पर लटका दिया गया।
हालिया दिनों में ईरान में होने वाले दंगों और आतंकवादी हमलों पर जिस तरह से अमेरिका समेत पश्चिमी देशों का रवैया रहा है उसने इन देशों के असली चेहरों को दुनिया के सामने बेनक़ाब कर दिया है।
इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम के रौज़े की प्रशासनिक समिति, आस्ताने क़ुद्से रिज़वी के उप प्रमुख ने कहा है कि पिछले दस दिनों में, 1.2 मिलियन तीर्थयात्रियों ने पैग़म्बरे इस्लाम के पौत्र के रौज़े की ज़ियारत की है।
पैग़म्बरे इस्लाम (स) के पौत्र हज़रत इमाम अली रज़ा अलैहिस्सलाम की शहादत के मौक़े पर जहां पूरा ईरान शोकाकुल है वहीं पवित्र नगर मशहद में लाखों श्रद्धालु इमाम रज़ा की शहादत के मौक़े पर उपस्थित हैं। ईरान समेत दुनिया भर के लाखों श्रद्धालु कल रात से ही इमाम अली रज़ा अलैहिस्सलाम के शोक में नौहा और मातम कर रहे हैं। वहीं मशहद के आसपास के शहरो, क़स्बों और गांवों से श्रद्धालु सैकड़ों किलोमीटर की दूरी पैदल तय करके पवित्र नगर मशहद पहुंचे हैं। इस बार भी इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम की शहादत के मौक़े पर ...
ईरान में आज इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम की शहादत का सोग मनाया जा रहा है।