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ग़ज़्ज़ा युद्ध और मीडिया का गिरता स्तर, सच से दूर लेकिन इस्राईल के साथ, तेलअवीव में बजने वाले सायरनों की आवाज़ें सुनने वालों को फ़िलिस्तीनी बच्चों और माओं की चीख़ें सुनाई नहीं देती!
Oct २८, २०२३ १९:२२सात दशकों से जिस प्रकार पश्चिमी एशिया में मौजूद अवैध इस्राईली शासन फ़िलिस्तीनी बच्चों का नरसंहार कर रहा, इस देश के लोगों की मातृभूमि पर जिस तरह से अवैध क़ब्ज़ा करता जा रहा है और अब वह यह चाहता है कि इस पूरे इलाक़े में फ़िलिस्तीन नाम का कोई देश न रहे। वहीं उसके इस आतंकवाद के ख़िलाफ़ संघर्ष करने वाले लोग ही आज दुनिया की नज़र में आतंकी हो गए हैं। साथ ही उन्हें लाखों बच्चों और महिलाओं के नरसंहार की कोई तस्वीर नहीं दिखाई दे रही है।
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झूठे आरोपों के दम पर घायल फ़िलिस्तीनियों को मौत के घाट उतारने की नेतन्याहू ने रची साज़िश, ग़ज़्ज़ा में अब तक का सबसे बड़ा मानवीय संकट
Oct २८, २०२३ १५:०५अवैध आतंकी शासन इस्राईल ग़ज़्ज़ा में हर तरह के युद्ध अपराधों को अंजाम दे रहा है। वहीं उसके इन जघन्य अपराधों में अमेरिका और कुछ यूरपीय देश बराबर के भागीदार हैं। द टाइम्स ऑफ इस्राईल की रिपोर्ट के अनुसार, आतंकी ज़ायोनी सेना के प्रवक्ता ने शुक्रवार को यह दावा किया है कि हमास का मुख्य संचालन केंद्र ग़ज़्ज़ा शहर में स्थित शिफ़ा अस्पताल के अंतर्गत है।
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दाइश, अलक़ायदा और अन्य आतंकवादी गुटों का असली चेहरा आया सामने, केवल मुसलमानों के नरसंहार की योजना का नाम है इस्लामी आतंकवाद!
Oct २५, २०२३ १४:५९पिछले कुछ दशकों से पूरी दुनिया में आतंकवाद की ऐसी लहर चली कि हर कोई उससे ख़ुद को प्रभावित होता हुआ देख रहा था। वहीं ख़ास बात यह थी कि इस आतंकवाद के साथ इस्लाम का शब्द भी जोड़ दिया गया था। देखते ही देखते अंतर्राष्ट्रीय मंच पर इस्लामी आतंकवाद को लेकर चर्चा होने लगी। इसका असर यह हुआ कि विश्वभर में लोग मुसलमानों को आतंकी के तौर पर देखने लगे। लेकिन इस आतंकवाद ने अगर सबसे ज़्यादा किसी को नुक़सान पहुंचाया तो वह कोई और नहीं बल्कि मुसलमान और इस्लामी देश ही हैं।
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लाशों के ढेर, घायलों की चीख़-पुकार और चुप-चाप देखता विश्व समाज, अनगिनत तुफ़ानों के लिए तैयार रहे दुनिया!
Oct २३, २०२३ १५:३९इन दिनों फ़िलिस्तीन में साम्राज्यवादी शक्तियां जो आतंकी इस्राईल के साथ मिलकर कर रही हैं वह एक ऐसी त्रास्दी है कि जिसके बारे में भी सोच कर रूह कांप जाती है। कोरोना महामारी के नाम पर दुनिया को पूरी तरह रोक देने वाला संयुक्त राष्ट्र संघ ग़ाज़ा के हालात पर बेबस नज़र आ रहा है। आख़िर ऐसा क्या है कि फ़िलिस्तीनी बच्चों के नरसंहार पर विश्व के ज़्यादातर देश अपनी आंखें मूंदे हुए हैं? यह एक ऐसा सवाल है कि जिसके जवाब के साथ ही दुनिया में शांति स्थापित हो सकती है।
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ग़ाज़ा की स्थिति काफ़ी चिंताजनक, नस्लीय सफ़ाए की तरफ़ बढ़ रहा है इस्राईलः संयुक्त राष्ट्र संघ
Oct १५, २०२३ १४:१७संयुक्त राष्ट्र की एक स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ फ़्रांसेस्का अलबानीज़ ने शनिवार को आगाह करते हुए कहा है कि फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा में, नागरिक आबादी अब “सामूहिक नस्लीय सफ़ाए” के गंभीर ख़तरे का सामना कर रही है। उन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय से तुरंत युद्धविराम लागू करवाने की अपील की है।
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अर्दोग़ान दो नांव पर हुए सवार! मध्यस्थता की दी पेशकश
Oct ११, २०२३ १५:४८तुर्क़िए के राष्ट्रपति रजब तय्यब अर्दोग़ान ने हमास-इस्राईल संघर्ष में मध्यस्थता की पेशकश की है। तुर्क़िए की सरकारी समाचार एजेंसी अनातोली ने बताया है कि अर्दोग़ान ने कहा कि तुर्क़िए अपने राजनयिक प्रयासों को आगे बढ़ा रहा है। अर्दोग़ान ने कहा, "मैं बताना चाहूंगा कि अगर दोनों पक्ष अनुरोध करते हैं तो तुर्क़िए क़ैदियों की अदला-बदली सहित किसी भी तरह की मध्यस्थता के लिए तैयार है।"
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कायरों की तरह लड़ता है इस्राईल, फ़िलिस्तीनी जियालों की ललकार से ज़ायोनी सैनिकों की निकली चीख़
Oct १०, २०२३ १५:२३इस्राईल इस समय जिस तरह गाज़ा पर पाश्विक हमले कर रहा है उससे यह बात तो साबित होती है कि अवैध ज़ायोनी शासन कभी भी आमने-सामने का युद्ध नहीं लड़ सकता है। जब-जब भी इस्राईल का सामना फ़िलिस्तीनी जियालों हुआ है तब-तब उसके आतंकी सैनिक मैदान छोड़कर भागते नज़र आए हैं। सात अक्तूबर को फ़िलिस्तीनी जियालों द्वारा किए गए जवाबी हमले के बाद एक बार फिर ज़ायोनी शासन ने अपना असली चेहरा दिखाते हुए फ़िलिस्तीनी महिलाओं और बच्चों को निशाना बनाना शुरु कर दिया है।
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ईरान के ख़िलाफ़ उसके दो पड़ोसी देशों की भयानक योजना! तेहरान ने कहा हमारी सेना किसी भी स्थिति से मुक़ाबले के लिए पूरी तरह तैयार!
Sep ३०, २०२३ १९:००काकेशस एक रणनीतिक क्षेत्र है, जो कैस्पियन सागर के पश्चिम और काला सागर के पूर्व के बीच स्थित है, इसके उत्तर पश्चिम में ईरान और उत्तर में रूसी संघ की सीमा है, यह एक असहज और संवेदनशील क्षेत्र है जो युद्ध की शुरुआत के बाद से अस्थिर बना हुआ है। नवंबर 2020 में आज़रबाइजान गणराज्य और आर्मेनिया के बीच हुए दूसरे युद्ध से यह और अस्थिर बना हुआ है।
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यूक्रेन युद्ध का संबन्ध रूस से नही बल्कि हथियारों के सौदागरों से हैः पोप
Sep २४, २०२३ १६:३७कैथोलिक इसाइयों के धर्मगुरू ने विभिन्न देशों से मांग की है कि वे यूक्रेन युद्ध का दुरूपयोग करने से बचें।
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यूक्रेन ने अपने ही 23 सैनिकों को मार डाला, वजह जानकर आपको भी होगी हैरानी!
Aug २६, २०२३ १८:१०24 फरवरी 2022 से आरंभ होने वाला रूस-यूक्रेन युद्ध हर दिन ख़तरनाक रूप लेता जा रहा है। अब तक इस विनाशकारी युद्ध में जान माल की भारी तबाही हो चुकी है। इस थका देने वाली जंग से अब यूक्रेन के सैनिक भी ऊब चुके हैं और आए दिन सेना छोड़कर भागने वाले सैनिकों की संख्या बढ़ती जा रही है।