Pars Today

Hindi
  • होम
  • रेडियो
  • Albanian shqip
  • Armenian Հայերեն
  • Assyrian ܐܬܘܪ̈ܝܐ
  • Azeri Azəri
  • Bangla বাংলা
  • Chinese 中文
  • Dari دری
  • English English
  • French français
  • German Deutsch
  • Hausa Hausa
  • Hebrew עברית
  • Hindi हिन्दी
  • Indonesian Bahasa Indonesia
  • Italian Italiano
  • Japanese 日本語
  • Kazakh қазақ тілі
  • Kiswahili Kiswahili
  • Pashto پښتو
  • Persian فارسی
  • Russian Русский
  • Spanish Español
  • Tajik Тоҷик
  • Taleshi Tolışə
  • Turkish Türkçe
  • Turkmen Türkmen
  • Uzbek узбек
  • विश्व
  • पश्चिमी एशिया
  • ईरान
  • धर्म
  • पार्स पीडिया
  • डिस-इन्फ़ो

अगस्त

  • भारत पर मंडराते संप्रदायिकता के काले बादल! दीमक की तरह संविधान को खोखला करता नफ़रती टोला, लेकिन अभी भी बाक़ी है आशा की किरण

    भारत पर मंडराते संप्रदायिकता के काले बादल! दीमक की तरह संविधान को खोखला करता नफ़रती टोला, लेकिन अभी भी बाक़ी है आशा की किरण

    Aug ३०, २०२३ १८:३७

    लगभग एक दशक का समय बीत रहा है तब से भारत में सांप्रदायिकता, राजनीति के केंद्र में आ गई। आधुनिक भारत के मंदिर बनाने की बजाए मस्जिदों के नीचे मंदिर खोजे जाने लगे। इससे सामाजिक विकास की प्रक्रिया बाधित हुई है और विकास का सिलसिला थम सा गया है। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि इसी दौर में सबका साथ सबका विकास का नारा सबसे ज़्यादा ज़ोर और शोर से लग रहा है।

  • तेहरान में भारतीय दूतावास में मनाया गया स्वतंत्रता दिवस

    तेहरान में भारतीय दूतावास में मनाया गया स्वतंत्रता दिवस

    Aug १५, २०२३ १९:२८

    ईरान की राजधानी तेहरान में भारतीय दूतावास में भारत के 77वें स्वतंत्रता दिवस का कार्यक्रम आयोजित हुआ।

टॉप न्यूज़
  •  मैक्रां का मीडिया पर लेबल लगाने का प्रस्ताव; विश्वसनीयता की गारंटी या आज़ादी के लिए ख़तरा?

    मैक्रां का मीडिया पर लेबल लगाने का प्रस्ताव; विश्वसनीयता की गारंटी या आज़ादी के लिए ख़तरा?

    १३ hours ago
  • एशिया टाइम्स: नई पीढ़ी के ड्रोन बनाने में ईरानी तकनीक वाशिंगटन के लिए प्रेरणास्रोत बनी

  • एक ईरानी खिलाड़ी की प्रेरणादायक यात्रा, जो ओलंपिक संरचना के केंद्र तक पहुँची

  • क्या यूरोपीय मानवाधिकार मूल्य, भू-राजनीतिक हितों की भेंट चढ़ गए हैं?

  • नेपोलियन से ट्रम्प तक, तानाशाह खुद को ही पदक देते हैं!

संपादक की पसंद
  • ग़ाज़ा में दूसरा चरण: शांति का दूसरा चरण या संकट का दूसरा चरण? अमेरिकी योजना पर हमास की आपत्ति और क़तर की चेतावनी

    ग़ाज़ा में दूसरा चरण: शांति का दूसरा चरण या संकट का दूसरा चरण? अमेरिकी योजना पर हमास की आपत्ति और क़तर की चेतावनी

    २ days ago
  • बकाई: तीनों द्वीपों पर ईरान की संप्रभुता को लेकर कोई संदेह नहीं है

    बकाई: तीनों द्वीपों पर ईरान की संप्रभुता को लेकर कोई संदेह नहीं है

    २ days ago
  • अमेरिका की नई राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति: नए शब्दों में वाशिंगटन के आधिपत्यवादी रुख की पुनरावृत्ति

    अमेरिका की नई राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति: नए शब्दों में वाशिंगटन के आधिपत्यवादी रुख की पुनरावृत्ति

    २ days ago
अधिक देखी गई ख़बरें
  • अन्य मीडिया/ अल-मसीरा: जब अमेरिकी GBU बम ईरानी हथियार बन गये

  • ग़ाज़ा में दूसरा चरण: शांति का दूसरा चरण या संकट का दूसरा चरण? अमेरिकी योजना पर हमास की आपत्ति और क़तर की चेतावनी

  • अमेरिकी जनता का बहुमत ईरान के खिलाफ अमेरिकी सैन्य कार्रवाई का क्यों विरोध कर रहा है?

  • बकाई: तीनों द्वीपों पर ईरान की संप्रभुता को लेकर कोई संदेह नहीं है

  • एशिया टाइम्स: नई पीढ़ी के ड्रोन बनाने में ईरानी तकनीक वाशिंगटन के लिए प्रेरणास्रोत बनी

  • क्या कैरेबियन सी में अमेरिका ने युद्ध अपराध किया है?

  • अमेरिका की नई राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति: नए शब्दों में वाशिंगटन के आधिपत्यवादी रुख की पुनरावृत्ति

  • मैक्रां का मीडिया पर लेबल लगाने का प्रस्ताव; विश्वसनीयता की गारंटी या आज़ादी के लिए ख़तरा?

  • क्या यूरोपीय मानवाधिकार मूल्य, भू-राजनीतिक हितों की भेंट चढ़ गए हैं?

  • दुनिया में ब्रिक्स की सदस्यता के प्रति रुचि क्यों बढ़ रही है?

Pars Today

© 2025 PARS TODAY. All Rights Reserved.

समाचार
    विश्व
    पश्चिमी एशिया
    ईरान
    धर्म
    पार्स पीडिया
    डिस-इन्फ़ो
Pars Today
    हमारे बारे में
    हमसे संपर्क करें
    आरएसएस