इस्लामी और मानवीय रिश्तों को मज़बूत बनाना, ख़ास तौर पर पश्चिम एशिया में अपेक्षित और सैद्धांतिक उद्देश्य है, जिस पर हज के दौरान विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
हज पर जाने वालों के नाम इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई का पैग़ामः
ईदे ग़दीर इस्लाम की सबसे महत्वपूर्ण ईदों में से एक है। ग़दीरे ख़ुम मक्का और मदीना के बीच एक इलाक़ा है, जहां पैग़म्बरे इस्लाम (स) ने अपने आख़िरी हज से वापसी के दौरान, हज़रत अली (अ) को अपना उत्तराधिकारी और ख़लीफ़ा घोषित किया था।
इस समय सऊदी अरब में हज का अमल जारी है। आज के दिन हाजी शैतान के तीन प्रतीकों को कंकरियां मारकर क़ुरबानी कर रहे हैं।
आज ज़िलहिज्जा की नवीं तारीख़ और अरफ़ा दिवस है, यह दिन इबादत और दुआ के दिन के रूप में जाना जाता है।
सऊदी अरब में हज तीर्थयात्रा की शुरुआत हो गई है। बताया जा रहा है कि इस बार 25 लाख से अधिक तीर्थयात्री, इसके लिए सऊदी अरब पहुंचेंगे। ऐसे में इसे इतिहास का सबसे बड़ा जत्था क़रार दिया जा रहा है। रविवार से पवित्र मक्का में इसकी शुरुआत हो गई है।
इस समय सऊदी अरब हज के लिए पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों से भरा हुआ है। हर ओर से एक ही आवाज़ आ रही है, लब्बैक अल्लाहुम्मा लब्बैक, लब्बैक ला शरीका लाका लब्बैक।
इन दिनों पूरी दुनिया से हाजी सऊदी अरब की पवित्र धरती मक्के और मदीने पहुंच रहे हैं।
हज की मुहब्बत में आदम मुहम्मद ने छह हज़ार पांच सौ किलोमीटर की पैदल यात्रा कर डाली।
राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी ने कहा है कि इस्लामी जगत में अशांति फैलाने के लिए दो हथकण्डों को प्रयोग किया जा रहा है मतभेद और तकफीरी आतंकवाद।