अरब अरब देश सीरिया से संबंध क्यों सामान्य बनाना चाहते हैं?
दोस्तो पिछले कुछ समय से पश्चिम एशिया में जो परिवर्तन हो रहे हैं वे क्षेत्रीय देशों के लिए जहां शुभ संकेत हैं वहीं इन परिवर्तनों से जायोनी शासन, उसके समर्थक और आका नाराज़ व क्रोधित हैं।
लगभग सात साल के बाद ईरान और सऊदी अरब के मध्य कूटनयिक संबंध बहाल हो गये हैं। दूसरे शब्दों में ईरान और सऊदी अरब एक दूसरे के करीब आ गये हैं और यह प्रक्रिया जारी है। इसी प्रकार सीरिया और सऊदी अरब के मध्य भी संबंध सामान्य हो रहे हैं जो क्षेत्रीय देशों विशेषकर इस्लामी देशों के लिए अच्छी खबर है।
पिछले बुधवार को क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय संचार माध्यमों ने सीरिया के विदेशमंत्री फैसल मिकदाद के सऊदी अरब जाने की सूचना दी थी। यह खबर भी इस बात की सूचक है कि क्षेत्र शांति और दोस्ती की दिशा में आगे बढ़ रहा है। सीरिया और सऊदी अरब 12 वर्षों के बाद संबंध सामान्य बनाये जाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। सीरिया के विदेशमंत्री फैसल मिकदाद जब सऊदी अरब के जद्दा हवाई अड्डे पर पहुंचे तो इस देश के उपविदेशमंत्री वलीद बिन अब्दुल करीम ने उनका स्वागत किया और उन्होंने इस यात्रा में अपने सऊदी समकक्ष से भेंटवार्ता की। इस भेंटवार्ता में सऊदी अधिकारियों ने राजनीतिक ढंग से सीरिया संकट के समाधान तक पहुंचने की कोशिश की।
इसी प्रकार सीरिया के विदेशमंत्री की यात्रा के दौरान सऊदी अधिकारियों ने सीरिया के अरब संघ में दोबारा वापस आने, सीरियाई शरणार्थियों की स्वदेश वापसी और इसी प्रकार 6 फरवरी को सीरिया में आने वाले भूकंप प्रभावितों की मानवता प्रेमी मदद के बारे में विचारों का आदान- प्रदान किया।
सीरिया संकट 2011 से आरंभ हुआ और कई देशों ने सीरिया के राष्ट्रपति बश्शार असद की कानूनी सरकार को उखाड़ फेंकने की पूरी कोशिश की और इसके लिए उन्होंने सीरिया विरोधी गठबंधन बनाया और आतंकवादियों का व्यापक समर्थन किया और सऊदी अरब भी सीरिया विरोधी गठबंधन में शामिल था परंतु सीरिया के विरोधी देशों के समस्त षडयंत्रों पर पानी फिर गया और उन्होंने सीरिया को बहुत नुकसान पहुंचाया परंतु वे सब बश्शार असद की कानूनी सरकार का बाल भी बीका न कर सके।
सीरिया के विरोधी देशों ने जब यह देख लिया कि दुनिया की वर्चस्ववादी शक्तियों व देशों ने अपनी पूरी शक्ति बश्शार असद की कानूनी सरकार को उखाड़ फेंकने में लगा दी परंतु अंत में सबको मुंह की खानी पड़ी तो धीरे- धीरे बहुत से देशों का दृष्टिकोण सीरिया के बारे में बदलने लगा और अब वे सीरिया से संबंध बनाने का प्रयास कर रहे हैं। सीरिया से संबंधों को सामान्य बनाये जाने हेतु रियाज़ के प्रयासों को इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जा सकता है।
सीरियाई सूत्रों ने एलान किया है कि इस देश के विदेशमंत्री जारी सप्ताह में टयूनीशिया, इराक और अलजीरिया सहित कई अरब देशों की यात्रा पर जायेंगे और टयूनीशिया यात्रा के दौरान सीरियाई दूतावास भी खुलने का कार्यक्रम है। क्षेत्रीय संचार माध्यमों ने एलान किया है कि रूस और संयुक्त अरब इमारात की मध्यस्थता से सीरिया और सऊदी अरब के संबंधों के सामान्य होने की दिशा में जो रुकावटें थीं वह काफी सीमा तक दूर हो गयी हैं और रमज़ान महीने की समाप्ति के बाद सऊदी अरब का काउंसलेट दमिश्क में खुल जायेगा।
इसी बीच यमन और सऊदी अरब के बीच कैदियों के आदान- प्रदान पर भी सहमति बन गयी है जो एक अन्य शुभ संकेत है और सऊदी अरब के नियंत्रण में बंद 100 से अधिक यमनी बंदी आज़ाद होकर स्वदेश भी वापस आ गये। कुल मिलाकर क्षेत्र में इस्लामी देशों के मध्य जो परिवर्तन हो रहे हैं वे इस बात के सूचक हैं कि क्षेत्र शांति व सुरक्षा की दिशा में आगे बढ़ रहा है और इस्लामी देश एक दूसरे के करीब आ रहे हैं जो न केवल क्षेत्रीय देशों बल्कि पूरे इस्लामी जगत के हित में है। MM
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