मास्को में सीरिया के दोस्त देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक
(last modified Thu, 11 May 2023 07:12:33 GMT )
May ११, २०२३ १२:४२ Asia/Kolkata
  • मास्को में सीरिया के दोस्त देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक

बुधवार को मास्को में चार देशों रूस, सीरिया, तुर्किए और ईरान के विदेश मंत्रियों ने सीरिया की स्थिति पर बैठक की और विचार विमर्श किया। बैठक के अंत में चारों देशों की ओर से संयुक्त बयान जारी किया गया।

बयान में इन चार देशों के विदेश मंत्रियों ने सीरिया की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने, इस देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने और तुर्की-सीरिया संबंधों की बहाली के लिए एक रोड मैप तैयार करने पर बल दिया।

इस बैठक में भाग लेने वाले चारों देशों के विदेश मंत्रियों ने इस बात पर भी सहमति जताई कि चारो देशों के उप विदेश मंत्री, रक्षा मंत्रालयों और ख़ुफ़िया प्रमुखों के समन्वय से तुर्किए और सीरिया के बीच संबंधों को आगे बढ़ाने का रोड मैप तैयार करेंगे।

यह तीसरी बार है, जब मास्को ने पिछले 2 महीने में सीरिया के मामलों पर बैठक की मेज़बानी की है। पहली बैठक उप विदेश मंत्रियों और विशेष प्रतिनिधियों के स्तर पर 3 और 4 अप्रैल को मास्को में आयोजित हुई थी। 4 अप्रैल को रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने बैठक में भाग लिया था। इस बैठक में ही यह तय पाया था कि चारो देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक भी मॉस्को में ही आयोजित होगी।

उसके बाद 25 अप्रैल को चारो देशों के रक्षा मंत्रियों और शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने मॉस्को में मुलाक़ात की थी।

सीरिया की स्थिति को प्रभावित करने वाले देशों के बीच और तुर्किए और सीरिया के बीच संबंधों को सामान्य बनाने के उद्देश्य से आयोजित मास्को बैठक का आयोजन इस बैठक में भाग लेने वाले देशों के दृढ़ संकल्प को दर्शाता है। इन देशों का प्रयास है कि जितनी जल्दी हो सके सीरिया की स्थिति को स्थिर किया जाए। अन्य देशों के साथ इस देश के संबंधों को सामान्य बनाने की प्रक्रिया में भी तेज़ी आनी चाहिए।

अरब देशों और तुर्किए के सीरिया के साथ संबंधों के सामान्यीकरण में हालिया वर्षों में तेज़ी आई है। अरब जगत में सीरिया की वापसी और अरब लीग में सदस्यता की बहाली इस दिशा में एक महत्वपूर्ण क़दम है। सीरिया में सत्ता परिवर्तन के लिए अमरीका और इस्राईल की साज़िश की नाकामी के बाद, उन अरब देशों ने भी अक़्ल के नाख़ून लिए हैं, जो इस साज़िश में बढ़चढ़कर सीरिया के दुश्मनों का साथ दे रहे थे।

इस संदर्भ में, सर्गेई लावरोव ने मॉस्को की बैठक में कहा की अमरीका ने दमिश्क़ की सरकार के ख़िलाफ़ आतंकवादियों को इस्तेमाल करने के लिए फ़्री सीरियन आर्मी जैसे आतंकवादी गुटों का गठन किया था, लेकिन सीरिया ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर इन आतंकवादी गुटों को करारी शिकस्त दी और अपनी संप्रभुता की रक्षा की।