फ़िलिस्तीनियों को आवाज़ को दबाने में लगा पश्चिमी मीडिया
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फ़िलिस्तीनियों के बारे में सूचनाओं को दूसरों तक पहुंचने में पश्चिम, रुकवाटें डाल रहा है।  इस संबन्ध में वह सोशल मीडिया और वेबसाइट्स पर गहरी नज़र रखे हुए हैं। 
(last modified 2023-10-14T09:20:37+00:00 )
Oct १४, २०२३ १४:५० Asia/Kolkata

फ़िलिस्तीनियों के बारे में सूचनाओं को दूसरों तक पहुंचने में पश्चिम, रुकवाटें डाल रहा है।  इस संबन्ध में वह सोशल मीडिया और वेबसाइट्स पर गहरी नज़र रखे हुए हैं। 

फ़िलिस्तीन के प्रतिरोधक गुटों द्वारा आरंभ किये जाने वाले मस्जदुल अक़सा तूफान नामक अभियान के बाद से पश्चिमी संचार माध्यम, फ़िलिस्तीनियों से संबन्धित ख़बरों पर रोक लगाते हुए फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधकर्ताओं की अमानवीय छवि को पेश करने के प्रयास में लगे हुए हैं। 

सीएनएन सहित अमरीका के कई टीवी चैनेलों ने अवैध ज़ायोनी शासन और फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधकर्ताओं के बीच होने वाली झड़पों के आरंभ से ही इस्राईल के समर्थन की नीति अपना रखी है।  यह टीवी चैनेल ग़ज़्ज़ा में इस्राईल द्वारा फ़िलिस्तीनियों के विरुद्ध किये जा रहे अत्याचारों को अनदेखा करते हुए केवल ज़ायोनी शासन के समर्थन में झूठी ख़बरें प्रसारित कर रहे हैं।  इस प्रकार वे फ़िलिस्तीनियों की छवि को पूरी दुनिया में हिंसक दर्शाने में लगे हुए हैं।  हालांकि इस बारे में उनकी पोल खुल चुकी है और कुछ अवसरों पर उनको माफ़ी भी मांगनी पड़ी है। 

इसका एक उदाहरण हैं सीएनएन की एक पत्रकार, सारा सीदनर।  उन्होंने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधकर्ता गुट हमास, बच्चों के गले काट रहे हैं।  इस रिपोर्ट को देने के बाद सीएनएन की इस पत्रकार ने सोशल मीडिया पर संदेश भेजकर अपने शब्द वापस ले लिए।  अपने संदेश में सारा लिखती हैं कि कल इस्राईल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया था कि हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि हमास ने नवजात का गला काटा है।  वे आगे लिखती हैं कि अब इस्राईल की ओर से कहा गया है कि वह इस बात की पुष्टि नहीं करता कि हमास ने बच्चों के गले काटे हैं।  मेरे लिए ज़रूरी है कि मैं अपनी बातों को और अधिक सावधानी से पेश करूं।  मुझको इसपर खेद है। 

इससे पहले कुछ पश्चिमी संचार माध्यमों ने यह दावा किया था कि उनके पास एसी तस्वीरें हैं जिनमें हमास द्वारा बच्चों के गले काटते हुए दिखाया गया है किंतु सीएनएन की पत्रकार की स्वीकारोक्ति से बहुत सी बातें साफ हो गईं।  जबसे फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधकर्ताओं ने इस्राईल के भीतर घुसकर आपरेशन शुरू किया और उसके बाद इस्राईल ने ग़ज़्ज़ा की निर्दोष जनता पर बमबारी आरंभ की है उस समय से सोशल मीडिया पर व्यापक स्तर पर फेक ख़बरे भी चल रही हैं जिनमे मुख्य रूप से फ़िलिस्तीनियों की छवि को ख़राब करने के प्रयास चल रहे हैं। 

इसी बीच एक अमरीकी चैनेल एमएस एनबीसी ने अपने तीन मुसलमान एंकरों को निकाल दिया है।  यह मुसलमान एंकर इस चैनेल द्वारा इस्राईल के समर्थन में अपनाई गई उसकी नीति से सहमत नहीं थे और वे फ़िलिस्तीनियों के बारे में इस्राईल के अत्याचारों का समर्थन नहीं कर रहे थे। 

मस्जिदुल अक़सा तूफान आपरेशन को हमास ने शनिवार 7 सितंबर को शुरू किया था जिसकी प्रतिक्रिया में इस्राईल फ़िलिस्तीनियों के विरुद्ध कई दिनों से अंधाधुंध हमले कर रहा है जिसमें बहुत बड़ी संख्या में निर्दोष फ़िलिस्तीनी मारे जा चुके हैं।

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