अंसारुल्ला के नेता का बयान, हमेशा फ़िलिस्तीनियों के साथ
अलहूसी का कहना है कि अगर ग़ज़्ज़ा जाने के लिए यमनियों को कोई रास्ता मिल जाए तो लाखों यमनी, वहां पहुंचकर अपने फ़िलिस्तीनी भाइयों की रक्षा करेंगे।
यमन के अंसारुल्ला आन्दोलन के नेता अब्दुल मलिक अलहूसी ने अपने कल के बयान में ग़ज़्ज़ा के संदर्भमें पश्चिमी और इस्लामी देशों के रवैये को लेकर उनकी आलोचना की थी। उन्होंने सऊदी अरब में होने वाली ओआईसी की हालिया बैठक का उल्लेख किया।
अलहूसी के अनुसार ओआईसी की इस बैठक में ग़ज़्ज़ा जैसे महत्वपूर्ण विषय के समाधान के लिए किसी ही व्यवहारिक क़दम को अनदेखा करते हुए केवल एक बयान जारी करके अपना पीछा छुड़ाया गया।
अंसारुल्ला के नेता के अनुसार कितनी विचित्र बात है कि स्वयं को सारे मुसलमानों का प्रतिनिधि बताने वाले संगठन ने ग़ज़्ज़ा के समर्थन में बिना किसी व्यवहारिक क़दम उठाए केवल बयान जारी करने को ही अपनी ज़िम्मेदारी समझा। क्या यही है डेढ अरब से अधिक मुसलमानों की शक्ति?
अलहूसी के अनुसार ग़ज़्ज़ा मुद्दे पर इस्लामी देशों के ढीले रवैये ने अवैध ज़ायोनी शासन को ग़ज़्ज़ा वासियों के जातीय सफ़ाए के लिए दुस्साहसी बना दिया। इस अवैध शासन का मानना है कि एसा करने से उसको कोई नुक़सान नहीं होगा और उसको किसी भी दूसरे रूप में इसकी भरपाई भी नहीं करनी पड़ेगी। कुछ अरब देशों ने परोक्ष रूप से अवैध ज़ायोनी शासन को यह संदेश पहुंचा दिया है कि हमास का काम तमाम करने में वे उसका कोई विरोध करने वाले नहीं हैं।
यमन के अंसारुल्ला आन्दोलन के नेता अब्दुल मलिक अलहूसी ने अपने संबोधन में इस विषय की ओर संकेत किया कि कुछ अरब देश यह चाहते हैं कि ग़ज़्ज़ा पर फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधकर्ता संगठन हमास का नियंत्रण बाक़ी नहीं रहे और इस हिस्से के नियंत्रण को या तो अवैध ज़ायोनी शासन के नियंत्रण में दे दिया जाए या फिर फ़िलिस्तीन की तथाकथित स्वशासित सरकार के हवाले कर दिया जाए जो वेस्ट बैंक वाले क्षेत्र को ही नियंत्रित करने में अक्षम है।
हालांकि ग़ज़्ज़ा को लेकर इस्लामी देशों ने ढुलमुल रवैया अपनाया किंतु यमन के अंसारुल्ला ने ग़ज़्ज़ा वासियों का खुलकर समर्थन किया और अवैध ज़ायोनियों के विरुद्ध कार्यवाही की। यमनियों ने ग़ज़्ज़ावासियों के समर्थन में यमन की राजधानी सनआ सहित इस देश के बहुत से नगरों में इस्राईल विरोधी प्रदर्शन आयोजित किये।
अंसारुल्ला के नेता का कहना है कि अगर ग़ज़्ज़ा जाने के लिए यमनियों को कोई रास्ता मिले जाए तो लाखों यमनी, वहां पहुंचकर अपने फ़िलिस्तीनी भाइयों की रक्षा करेंगे। अब्दुल मलिक अलहूसी ने बताया कि विभिन्न हथकण्डों और धमकियों से अमरीकी, यमनियों की ओर से ग़ज़्ज़ा वासियों के समर्थन को बंद करवाना चाहते हैं किंतु हम कभी भी अमरीकी झांसे में आने वाले नहीं हैं।
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