चारों ओर से शुरू हुई अमरीका के लिए मुसीबत
(last modified Tue, 30 Jan 2024 06:38:18 GMT )
Jan ३०, २०२४ १२:०८ Asia/Kolkata

सीरिया और जार्डन की सीमा पर हमला करके इराक़ी प्रतिरोकर्ताओं ने 3 अमरीकी सैनिकों को मार दिया।

मध्यपूर्व में अमरीका की केन्द्रीय कमान सेंटकाम, अर्थात यूएस सेंट्रल कमांड भी इस बात की पुष्टि कर चुकी है कि पूर्वोत्तरी जार्डन में ड्रोन हमले के दौरान रविवार की शाम 3 अमरीकी सैनिक मारे गए जबकि 25 अन्य घायल हो गए। 

रविवार की ही शाम को इराक़ के इस्लामी प्रतिरोध की ओर से जारी बयान में बताया गया था कि सीरिया के भीतर और अवैध ज़ायोनी शासन के अंदर अमरीकी सैन्य अड्डों पर हमले किये गए।  हालांकि यह पहली बार नहीं है कि जब इराक़ या सीरिया में अमरीकी सैन्य ठिकानों पर हमले किये गए हैं।  ग़ज़्ज़ा युद्ध आरंभ होने के साथ ही क्षेत्र के प्रतिरोधक गुटों ने क्षेत्र में अमरीकी सैन्य ठिकानों पर हमले करने तेज़ कर दिये।

अबतक इराक़ और सीरिया में अमरीकी सैन्य ठिकानों और अमरीकी सैनिकों पर 158 हमले प्रतिरोधी गुटों की ओर से किये जा चुके हैं।  पेंटागन ने भी इन हमलों को स्वीकार करते हुए बताया है कि इसमें लगभग 70 अमरीकी सैनिक घायल हो चुके हैं।  वे इराक़ी गुट जो अमरीकी सैन्य ठिकानों पर हमले करते हैं वे इस्लामी प्रतिरोधी गुट हैं जो अपने देश में अमरीकी सैनिकों की उपस्थिति के विरोधी हैं।  उनका कहना है कि अमरीकी सैनिकों को तत्काल इराक़ छोड़कर चले जाना चाहिए। यह प्रतिरोधी गुट मानते हैं कि इराक़ में अमरीकी सैनिकों की उपस्थिति, देश की संप्रभुता का उल्लंघन है। 

यही कारण है कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान इराक़ में अमरीकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनया गया है।  इसके मुक़ाबले में अमरीका ने भी इराक़ में प्रतिरोध बलों के ठिकानों पर हमले करके दिसियों प्रतिरोधकर्ताओं को शहीद कर दिया किंतु यह हमले प्रतिरोधी गुटों के संकल्प को समाप्त नहीं कर पाए।  जबसे ज़ायोनियों ने ग़ज़्ज़ा युद्ध आरंभ किया है उस समय से अमरीकी ठिकानों के विरुद्ध प्रतिरोधक गुटों के हमलों में तेज़ी आ गई है। 

प्रतिरोधी गुटों के अनुसार ग़ज़्ज़ा युद्ध में अमरीका, खुलकर इस्राईल का साथ दे रहा है और दूसरे शब्दों में ज़ायोनियों के हाथों फ़िलिस्तीनियों के जनसंहार में पूरी तरह से शामिल है।  यही कारण है कि इराक़ी प्रतिरोधकर्ताओं ने एलान कर रखा है कि जबतक ग़ज़्ज़ा पर इस्राईल के हमले रुक नहीं जाते उस समय तक वे क्षेत्र में अमरीकी ठिकानों पर हमले करते रहेंगें। 

प्रतिरोधी गुटों के एक नेता ने घोषणा की है कि जैसाकि हम पहले भी कह चुके हैं कि अगर अमरीका, ज़ायोनी शासन का समर्थन जारी रखता है तो फिर हमले तेज़ हो जाएंगे।  हमको अमरीका की जवाबी कार्यवाही का कोई डर नहीं है।  इस हिसाब से यह कहा जा सकता है कि इराक़ और सीरिया में अमरीकी सैन्य ठिकानों के विरुद्ध जो कार्यवाहियां हो रही हैं वह अमरीका की ओर से इस्राईल के खुले समर्थन के कारण है।

हमारा व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए क्लिक कीजिए

हमारा टेलीग्राम चैनल ज्वाइन कीजिए

हमारा यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब कीजिए!

ट्वीटर पर हमें फ़ालो कीजिए 

फेसबुक पर हमारे पेज को लाइक करें।