ग़ज़्ज़ा में इंसानियत हुई शर्मशार, अफ़्रीक़ी संघ का ज़बरदस्त स्टैंड
इथियोपिया की राजधानी अदीस अबाबा में अफ्रीकी संघ की बैठक में अफ्रीकी देशों के नेताओं ने ग़ज़्ज़ा में ज़ायोनी शासन के अपराधों की निंदा की और फिलिस्तीनी नरसंहार को तत्काल रोकने की मांग की।
शनिवार, 7 फरवरी को अफ्रीकी संघ की बैठक में अफ्रीकी संघ आयोग के प्रमुख मूसा फ़की ने इस्राईल के हमले को अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का "सबसे बड़ा" उल्लंघन बताया और इस्राईल पर ग़ज़्ज़ा के निवासियों को "विनाश" करने का आरोप लगाया।
अफ्रीकी संघ आयोग के प्रमुख ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का फ़ैसला फिलिस्तीनी मुद्दे का समर्थन करने वाले सभी देशों की जीत है। हम दक्षिण अफ्रीका की स्थिति का समर्थन करते हैं और हम अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के फैसले को लागू करने और ग़ज़्ज़ा में युद्ध रोके जाने के इच्छुक हैं।
फिलिस्तीनी प्रशासन के प्रधान मंत्री मोहम्मद अश्तिया ने भी अफ्रीकी संघ की बैठक में ज़ायोनी शासन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अस्वीकृति और जानबूझकर अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करने के लिए उसके खिलाफ प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया।
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने ग़ज़्ज़ा के निवासियों के खिलाफ नरसंहार का अपराध करने के लिए इस्राईल के ख़िलाफ दक्षिण अफ्रीका की शिकायत की परिधि में 11 और 12 जनवरी को हेग में दो सार्वजनिक सुनवाई की थी।
ग़ज़्ज़ा की जनता पर ज़ायोनी शासन के क्रूर हमले को ध्यान में रखते हुए इस अदालत ने फ़ैसला सुनाया कि इस शासन को फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ नरसंहार को रोकने और ग़ज़्ज़ा में मानवीय स्थिति में सुधार करने का उपाय करना चाहिए लेकिन इस फैसले में ग़ज़्ज़ा के ख़िलाफ ज़ायोनी युद्ध को रोकना शामिल नहीं था।
अफ्रीकी संघ के शिखर सम्मेलन में फिलिस्तीन के लिए अफ्रीकी देशों के उच्चाधिकारियों का समर्थन और ग़ज़्ज़ा में ज़ायोनी शासन के अपराधों की निंदा, ज़ायोनियों के अपराधों के प्रति बढ़ती सरकारों और स्वतंत्र राजनेताओं की घृणा को दर्शाता है।
एक तरह से अफ़्रीकी संघ ने दक्षिण अफ़्रीका की सरकार की कार्यवाहियों का समर्थन किया और अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में ज़ायोनी शासन के ख़िलाफ़ इस देश की शिकायत की हिमायत की।
अफ्रीकी संघके शिखर सम्मेलन का आयोजन फिलिस्तीनी जनता के साथ इस महाद्वीप के देशों की एकजुटता और ग़ज़्ज़ा में शांति स्थापित करने और युद्ध को समाप्त करने के प्रयासों को दर्शाता है।
तूफ़ान अल-अक्सा आप्रेशन ने जिसे फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधकर्ता गुटों ने ज़ायोनी शासन के भेदभाव और आपराधिक कार्यों के जवाब में 7 अक्टूबर 2023 को शुरू किया था, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देशों को दो हिस्सों में विभाजित कर दिया है।
पहला ग्रुप स्वतंत्र देशों और सरकारों का है जो पश्चिम एशियाई क्षेत्र के आज के समीकरणों में ज़ायोनी शासन के अपराधों को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं और इस शासन के युद्धोन्मादपूर्ण और दुष्ट कार्यों को जल्द से जल्द ख़त्म करने पर ज़ोर देते हैं जबकि दूसरा गुट अमरीका और ज़ायोनी शासन के पश्चिमी घटक हैं जो हमेशा की तरह इस अतिग्रहणकारी शासन का सामरिक और वित्तीय समर्थन करते आए हैं। (AK)
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