ग़ज़्ज़ा में युद्ध विराम की कोशिश, अमरीका ने पेश किया प्रस्ताव
(last modified Tue, 20 Feb 2024 12:37:47 GMT )
Feb २०, २०२४ १८:०७ Asia/Kolkata

अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव का एक नया मसौदा पेश किया है जो ग़ज़्ज़ा युद्ध में अस्थायी युद्धविराम का आह्वान करता है और दक्षिणी ग़ज़्ज़ा में रफ़ह पर ज़ायोनी शासन के जमीनी हमले का विरोध करता है।

इस मसौदे में रफ़ह पर ज़ायोनी शासन के ज़मीनी हमले का खुले तौर पर विरोध किया गया है और कहा गया है कि मौजूदा स्थिति में रफ़ह पर बड़े ज़मीनी हमले से नागरिकों को अधिक नुकसान होगा और संभावित रूप से पड़ोसी देशों सहित अन्य देशों की ओर फ़िलिस्तीनियों का विस्थापन होगा।

अमेरिकी प्रस्ताव के मसौदे में कहा गया है कि इस तरह की कार्रवाई के क्षेत्र की शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर परिणाम होंगे। इस प्रस्ताव में इस बात पर जोर दिया गया कि मौजूदा परिस्थितियों में इतने बड़े पैमाने पर जमीनी हमला नहीं किया जाना चाहिए।

इस्राईल ने रफ़ह में हमास और अन्य फिलिस्तीनी प्रतिरोधकर्ता गुटों के खिलाफ हमले शुरू करने की योजना बनाई है जहां ग़ज़्ज़ा के 2.3 मिलियन फिलिस्तीनियों में से एक मिलियन से अधिक ने शरण ले रखी है जिससे अंतरराष्ट्रीय चिंता बढ़ गई है कि इस तरह की कार्रवाई से ग़ज़्ज़ा में मानवीय संकट और भी गहरा जाएगा।

हालांकि वाशिंगटन ग़ज़्ज़ा युद्ध के पहले महीनों में युद्धविराम का विरोध कर रहा था जो अब अपने पांचवें महीने में दाख़िल हो गया है।

अमेरिकी मसौदे की विषय वस्तु वही स्वर है जो राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पिछले सप्ताह इस्राईली प्रधान मंत्री नेतन्याहू के साथ अपनी बातचीत में इस्तेमाल किया था।

इस संदर्भ में एक बयान में वाइट हाउस ने घोषणा की कि बाइडेन ने नेतन्याहू के साथ अपनी बातचीत में रफ़ह की स्थिति का जिक्र करते हुए इस बात पर ज़ोर दिया कि इस क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करने और नागरिकों की सुरक्षा के लिए एक विश्वसनीय और व्यवहारिक योजना के बिना सैन्य अभियान जारी नहीं रहना चाहिए।

जो बाइडेन ने जो ग़ज़्ज़ा युद्ध में ज़ायोनी शासन के मुख्य समर्थक हैं, हाल ही में स्वीकार किया कि 7 अक्टूबर को तूफ़ान अल-अक्सा ऑपरेशन के जवाब में ग़ज़्ज़ा में इस्राईल का सैन्य अभियान सीमा से ज़्यादा रहा है।

बाइडेन ने जॉर्डन नरेश से मुलाकात के दौरान यह भी स्वीकार किया कि ग़ज़्ज़ा पट्टी में महिलाओं और बच्चों सहित बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए हैं।

बाइडेन ने ये शब्द तब कहे जब उन पर ग़ज़्ज़ा में युद्धविराम स्थापित करने का प्रयास करने का दबाव तेज हो गया है और वह विशेष रूप से डेमोक्रेटिक पार्टी के समर्थकों के बीच अपने मतदाता आधार पर इन दबावों के पड़ने वाले परिणामों के बारे में जानते हैं।

महत्वपूर्ण बात यह है कि रफ़ह पर ज़मीनी हमले के विरोध में ज़ायोनी शासन के यूरोपीय साझेदार भी अमेरिका के साथ शामिल हो गए हैं। (AK)

 

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