ग़ज़्ज़ा को लेकर तटस्थ रहा ही नहीं जा सकताःहिज़बुल्ला
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हिज़बुल्ला ने कहा है कि ग़ज़्ज़ा के मामले में न्यूट्रल या तटस्थ रहना संभव ही नहीं है। 
(last modified 2024-03-10T05:55:41+00:00 )
Mar १०, २०२४ ११:२५ Asia/Kolkata
  • ग़ज़्ज़ा को लेकर तटस्थ रहा ही नहीं जा सकताःहिज़बुल्ला

हिज़बुल्ला ने कहा है कि ग़ज़्ज़ा के मामले में न्यूट्रल या तटस्थ रहना संभव ही नहीं है। 

लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आन्दोलन हिज़बुल्ला के उप महासचिव कहते हैं कि ग़ज़्ज़ा की वर्तमान स्थति के बारे में दो दृष्टिकोंण पाए जाते हैं। 

पहला दृष्टिको वहां पर जारी युद्ध से संबन्धित है जिसके अन्तर्गत फ़िलिस्तीनी जियाले पूरी क्षमता और धैर्य के साथ ज़ायोनियों का मुक़ाबला कर रहे हैं।  वे अपनी जान जोखिम में डालकर अपनी मातृभूमि को स्वतंत्र करवाना चाहते हैं।  इस काम के लिए वे हमले, अत्याचार, विध्वंस, भूख और प्यास सबको सहन कर रहे हैं। 

नईम क़ासिम के अनुसार दूसरा दृष्टिकोण यह है कि ग़ज़्ज़ा पर इस्राईल के आक्रमण में अमरीका उसके साथ है।  उसी के समर्थन से अवैध ज़ायोनी शासन, ग़ज़्ज़ा के भीतर हर प्रकार के अपराध कर रहा है जिसमें अस्पतालों पर हमले और घायल फ़िलिस्तीनियों के उपचार में बाधाएं डालना भी शामिल है। 

हिज़बुल्ला के नेता कहते हैं कि फ़िलिस्तीनियों के विरुद्ध हर प्रकार की पाश्विकता का प्रयोग करने के बावजूद अवैध ज़ायोनी शासन अबतक वहां पर कोई भी उपलब्धि हासिल नहीं कर पाया है बल्कि ग़ज़्ज़ा की दलदल में धंसता जा रहा है। 

नईम क़ासिम ने कहा कि प्रतिरोध जारी रहेगा जो विजयी होगा।  यही कड़ा प्रतिरोध है जो अवैध ज़ायोनी शासन को उसके लक्ष्यों तक पहुंचने में बाधा बना हुआ है।  उन्होंने कहा कि फ़िलिस्तीनियों का अलअक़सा तूफ़ान आपरेशन, पूरे विश्व स्तर पर है जिसके परिणाम पूरी दुनिया को दिखाई देंगे।