मौत की कगार पर ग़ज़ा, वैश्विक संस्थाओं की राहत की गुहार
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ग़ज़ा मौत की कगार पर, वैश्विक संस्थाओं की राहत की गुहार
पार्सटुडे: संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा ग़ज़ा पट्टी में अकाल की आधिकारिक घोषणा के साथ ही, इस क्षेत्र में मानवीय त्रासदी की गहराई को लेकर अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाओं और मानवाधिकार तथा राहत संगठनों की चेतावनियों की लहर दौड़ गई है।
कई अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं ने, जिनमें ऑक्सफैम, विश्व स्वास्थ्य संगठन, विश्व खाद्य कार्यक्रम और अनरवा शामिल हैं, हालात की गंभीरता पर जोर देते हुए ग़ज़ा में संकट को समाप्त करने के लिए तत्काल कार्रवाई और गंभीर राजनीतिक इच्छाशक्ति की मांग की है।
ऑक्सफैम: अकाल का एलान हक़ीक़त से मेल खाता है
पार्सटुडे की रिपोर्ट के अनुसार, ऑक्सफैम ने जोर देकर कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा ग़ज़ा में अकाल की घोषणा पूरी तरह से मैदान में दिख रही वास्तविकता से मेल खाती है। संगठन के ग़ज़ा प्रवक्ता क्रिस मैकनिकोल्स ने स्पष्ट किया: यदि मार्ग खोले जाएं तो इस तबाही को रोका जा सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। उन्होंने ग़ज़ा की स्थिति को पूरी तरह से विनाशकारी बताया और चेतावनी दी कि संकट और गहरा रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन: तबाही का अंत राजनीतिक इच्छाशक्ति पर निर्भर
डब्ल्यूएचओ की प्रवक्ता क्रिस्टीन लिंडमेयर ने घोषणा की कि ग़ज़ा में हालात अकाल की सीमा पार कर चुके हैं और सरकारों की तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है। उन्होंने कहा: बहुत समय बर्बाद हो चुका है और पीड़ित, विशेष रूप से बच्चे, गंभीर कुपोषण से जूझ रहे हैं। इस त्रासदी का अंत केवल मार्ग खोलने और सहायता भेजने की राजनीतिक इच्छाशक्ति पर निर्भर करता है। उन्होंने चेतावनी दी कि कई मरीज तो इलाज का मौका भी खो रहे हैं।
वहीं, डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदहानोम ने एक संदेश में घोषणा की कि ग़ज़ा में 15 हज़ार 600 से अधिक मरीज़ों को, जिनमें 3 हज़ार 800 बच्चे शामिल हैं, तत्काल चिकित्सा निकासी की आवश्यकता है। उन्होंने एक बार फिर युद्धविराम और सहायता के तत्काल प्रवेश की मांग की।
UNRWA: इज़राइल को अकाल के इनकार को रोकना चाहिए
संयुक्त राष्ट्र संघ की फिलिस्तीनी शरणार्थी सहायता एजेंसी (UNRWA) के प्रमुख फिलिप लज़ारिनी ने ज़ायोनी शासन से अकाल का इनकार बंद करने का आग्रह किया। एक संदेश में उन्होंने चेतावनी दी कि "हर घंटा महत्वपूर्ण है, र कहा कि जॉर्डन और मिस्र के गोदाम खाद्य और चिकित्सा सहायता से भरे पड़े हैं जो इस तबाही को रोक सकते हैं, लेकिन इजरायल उनके प्रवेश में बाधा डाल रहा है। UNRWA ने जोर देकर कहा: केवल हजारों राहत ट्रकों को मार्ग देना इस त्रासदी का रुख मोड़ सकता है।"
विश्व खाद्य कार्यक्रम: पश्चिम एशिया में पहली आधिकारिक अकाल पुष्टि
विश्व खाद्य कार्यक्रम के खाद्य सुरक्षा विश्लेषण निदेशक जॉन मार्टिन बावर ने घोषणा की: यह पश्चिम एशिया के इस क्षेत्र में पहली बार है जब आधिकारिक तौर पर अकाल की पुष्टि की गई है, एक ऐतिहासिक क्षण जो त्रासदी के पैमाने को दर्शाता है। उन्होंने तत्काल कार्रवाई और मानवीय सहायता का मार्गदर्शन करने के लिए क्षेत्रीय आंकड़ों की सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया।
इस्लामिक सहयोग संगठन: ग़ज़ा में अकाल एक युद्ध अपराध है
इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने एक बयान में ग़ज़ा के लोगों पर थोपे गए अकाल की निंदा करते हुए इजरायल को इस त्रासदी का पूर्ण रूप से जिम्मेदार ठहराया। संगठन ने अकाल को "अवैध नाकेबंदी, सहायता के प्रवेश में रोक और खाद्य स्रोतों के विनाश" का सीधा परिणाम बताया और इसे युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध करार दिया। OIC ने इजरायली अपराधों की जांच अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) को सौंपने और इस शासन पर वैश्विक प्रतिबंध लगाने की मांग की।
आज अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के बीच एक दुर्लभ सहमति बनी है कि ग़ज़ा में अकाल एक प्राकृतिक संकट नहीं, बल्कि कब्जाधारी शासन की नाकेबंदी और जानबूझकी नीतियों का सीधा परिणाम है। वे सभी एक स्वर में तत्काल कार्रवाई, मार्गों को खोलने, बड़े पैमाने पर मानवीय सहायता भेजने और कब्जाधारी शासन को अंतर्राष्ट्रीय कानून के समक्ष जवाबदेह ठहराने की मांग कर रहे हैं। लेकिन मुख्य सवाल अब भी बना हुआ है: क्या लाखों घिरे लोगों की जान बचाने के लिए आवश्यक राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाई देगी? (AK)
कीवर्ड्ज़: ईरान, इज़राइल, ज़ायोनी शासन, फ़िलिस्तीन, ग़ज़ा, ग़ज़ा पट्टी
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