तुर्की में अशांति और आतंकी विस्फोटों का क्रम जारी
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तुर्की में मंगलवार और बुधवार को हुए आतंकी हमलों ने एक बार फिर इस देश के जनमत और राजनैतिक हल्क़ों का ध्यान तुर्की की परिस्थितियों की ओर आकृष्ट किया है। मंगलवार और बुधवार को इस देश में हुए आतंकी विस्फोटों में अनेक लोग हताहत और घायल हुए हैं।
(last modified 2023-04-09T06:25:50+00:00 )
Jun ०८, २०१६ १७:३९ Asia/Kolkata

तुर्की में मंगलवार और बुधवार को हुए आतंकी हमलों ने एक बार फिर इस देश के जनमत और राजनैतिक हल्क़ों का ध्यान तुर्की की परिस्थितियों की ओर आकृष्ट किया है। मंगलवार और बुधवार को इस देश में हुए आतंकी विस्फोटों में अनेक लोग हताहत और घायल हुए हैं।

वास्तविकता यह है कि हालिया महीनों में तुर्क सेना ने इराक़ के दक्षिण पूर्वी क्षेत्रों में, जिनमें अधिकतर कुर्द रहते हैं, व्यापक हमले किए हैं। अलबत्ता विभिन्न कुर्द गुटों ने भी तुर्क सेना के इन हमलों को निरुत्तर नहीं छोड़ा है। इसके बावजूद अन्कारा के अधिकारी अपने देश और देश के बाहर कुर्द गुटों के ख़िलाफ़ कार्यवाहियां जारी रखने पर बल दे रहे हैं। इसमें इराक़ के उत्तरी क्षेत्रों के अलावा सीरिया के उत्तरी इलाक़े भी शामिल हैं। रोचक बात यह है कि कुर्द गुटों और तुर्क सरकार की टकराव की नीतियों के चलते तुर्की के आर्थिक क्षेत्र को बहुत अधिक नुक़सान पहुंच रहा है विशेष कर पर्यटन उद्योग बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।

 

पिछले साल दिसम्बर और इस साल फ़रवरी में इस्तंबूल और अन्कारा में हुए धमाकों में तुर्की के सुरक्षा बलों को भारी क्षति पहुंची थी। इस प्रकार की स्थिति ने तुर्की की पुलिस और सुरक्षा बलों के साथ ही आम जनमत को भी चिंतित कर रखा है लेकिन सरकार और तुर्की की निर्णायक संस्थाएं अब भी देश के भीतर और बाहर पीकेके के ठिकानों पर हमलों को तुर्की की सुरक्षा का मार्ग समझ रही हैं। इस स्थिति के चलते आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक स्तर पर तुर्की को भारी मूल्य चुकाना पड़ रहा है और इराक़ व सीरिया जैसे पड़ोसी देशों और साथ ही अन्कारा के घटक देशों की अप्रसन्नता उसके द्वारा चुकाए जा रहे मूल्यों का ही एक भाग है। (HN)