मध्यपूर्व में विभाजन के षड्यंत्रों की चेतावनी
इराक़ में राष्ट्रीय गठबंधन के प्रमुख अम्मार हकीम ने देश की अखंडता की रक्षा पर बल देते हुए सेचत किया है कि कुर्दिस्तान क्षेत्र की ओर से इराक़ से स्वाधीनता के लिए जनमत संग्रह के आयोजन पर आग्रह, क्षेत्र को विभाजन की सुनामी में ग्रस्त कर देगा।
अम्मार हकीम ने इसी तरह अमरीका और विश्व समुदाय से अपील की है कि केवल बयानबाज़ी पर ध्यान न दे और इराक़ की अखंडता की रक्षा करे। अम्मार हकीम का यह बयान, इराक़ी कुर्दिस्तान के प्रमुख मसऊद बारेज़ानी के धमकीपूर्ण बयान पर प्रतिक्रिया स्वरूप सामने आया है। हकीम ने कहा कि कुर्दिस्तान की स्वाधीनता का कोई क़ानूनी आधार नहीं है और कुर्दों ने वर्ष 2005 में फ़ेडरल इराक़ के पक्ष में मतदान करके इराक़ के साथ जुड़े रहने पर बल दिया था। मसऊद बारेज़ानी ने शनिवार को इराक़ की केंद्रीय सरकार पर हमला करते हुए धमकी दी थी कि अगर कुर्दिस्तान को स्वाधीनता प्रदान न की गई तो एक बार फिर रक्तरंजित लड़ाई शुरू हो जाएगी। टीकाकार इस प्रकार के बयानों को इराक़ से दाइश की समाप्ति के बाद गंभीर मतभेदों का कारण बताया है।
मध्यपूर्व का क्षेत्र अपनी विशेष रणनैतिक स्थिति और ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों से संपन्न होने के कारण वर्चस्ववादी शक्तियों के लोभ, शत्रुतापूर्ण नीतियों और षड्यंत्रों का निशाना बनता रहा है। यही कारण है कि क्षेत्रीय मामलों के विशेषज्ञों का मानना है कि इस समय क्षेत्र के जो हालात हैं उनसे पता चलता है कि जाति व धर्म के आधार पर क्षेत्र के बंटवारे का साज़िशें रची जा रही हैं। इस प्रकार के हालात में अमरीका के नेतृत्व में पश्चिमी शक्तियां मध्यपूर्व में अपनी वर्चस्ववादी नीतियों को लागू करने और ग्रेटर मिडल ईस्ट जैसी अपनी योजनाओं को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं। इस योजना का एक अहम भाग, मध्यपूर्व के देशों के बंटवारे और इस क्षेत्र में भय व आतंक फैलाने के लिए सैन्य हथकंडों का प्रयोग है। (HN)