सऊदी अरब का नाम दोबारा ब्लैक लिस्ट में शामिल
(last modified Tue, 10 Oct 2017 14:31:36 GMT )
Oct १०, २०१७ २०:०१ Asia/Kolkata

पिछले 6 वर्षों के दौरान पश्चिम एशिया के संकटों के संबंध में अरब संघ के क्रिया- कलाप इस बात के सूचक हैं कि क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठन अरब संघ के कुछ सदस्य देशों के हथकंडे हैं।

सऊदी अरब यमन में जो अपराध अंजाम दे रहा है उसके समर्थन में अरब देशों के कुछ संगठनों ने हालिया दिनों में इन अपराधों को निराधार बताने की चेष्टा की है और आम जनमत में उसके इस कार्य की आलोचना की गयी है। अरब संघ ने दावा किया है कि यमन के बारे में राष्ट्रसंघ की रिपोर्ट में ध्यान से काम नहीं लिया गया है और उसके आधार गुमराह करने वाले हैं।

संयुक्त राष्ट्रसंघ ने यमन युद्ध के बारे में अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहा है कि यमन पर सऊदी गठबंधन के पिछले साल के हमले में 683 बच्चे हताहत या घायल हुए हैं। राष्ट्रसंघ ने यह रिपोर्ट पेश करके सऊदी अरब का नाम बच्चों के अधिकारों का हनन करने वालों की सूची में शामिल कर दिया है।

बहुत से अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने यमन में सऊदी अरब द्वारा किये जा रहे अपराधों के संबंध में दृष्टिकोण अपनाया और उसकी भर्त्सना की है।

यह एसी स्थिति में है जब एक इस्लामी व अरबी देश के रूप में यमनी जनता की स्थिति बहुत ही विषम व हृदयविदारक है और यमन संकट के आरंभ से अरब संघ ने इसकी अनदेखी की और उसने इस प्रकार का अमल किया कि मानो वहां कुछ हुआ ही नहीं।

कुल मिलाकर पिछले 6 वर्षों के दौरान पश्चिम एशिया के संकटों के संबंध में अरब संघ के क्रिया- कलाप इस बात के सूचक हैं कि क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठन अरब संघ के कुछ सदस्य देशों के हथकंडे हैं।

वास्तव में अरब संघ ने यमन संकट के समाधान की दिशा में प्रयास करने के बजाये उसमें विघ्न उत्पन्न करने का प्रयास किया है।

अरब संघ ने सऊदी अरब और पश्चिमी शक्तियों की नीति के परिप्रेक्ष्य में जो हालिया बयान दिया है उससे पहले से अधिक स्पष्ट हो जाता है कि अरब संघ पश्चिम की वर्चस्ववादी शक्तियों और क्षेत्र के अरब शासकों की नीतियों की दिशा में कदम उठा रहा है।

बहरहाल अरब संघ सऊदी अरब जैसे देशों के हितों को आगे बढ़ाने के हथकंडे में परिवर्तित हो गया है। MM

 

 

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