सऊदी युवराज की डरावने सपने में बदलती ऊंची उड़ान
(last modified Sat, 20 Jan 2018 11:47:04 GMT )
Jan २०, २०१८ १७:१७ Asia/Kolkata

ह्यूमन राइट्स वॉच के प्रवक्ता अहमद बिन शम्सी ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से सऊदी युवराज मोहम्मद बिन सलमान के ख़िलाफ़ यमन में उनके युद्ध अपराध के कारण, क़ानूनी कार्यवाही करने और उन्हें दंडित करने की मांग की।

यमन में सऊदी अरब के अपराध इतने बढ़ चुके हैं कि इन अपराधों पर प्रतिक्रिया का दायरा अब पश्चिम के ह्यूमन राइट्स वॉच जैसे मानवाधिकार हल्क़ों तक पहुंच गया है, हालांकि ये मानवाधिकार हल्क़े प्रायः आले सऊद शासन के अपराध पर ख़ामोश रहते हैं। यह विषय यमन में सऊदी अरब के अपराध के संबंध में जनमत के दबाव में विश्व स्तर पर बढ़ती संवेदनशीलता को दर्शाता है।

ब्रितानी अख़बार द गार्डियन ने कुछ दिन पहले सऊदी युवराज को यमन में रक्तपात के दलदल का योजनाकार कहा। गार्डियन ने एक रिपोर्ट में इस बारे में कि क्या मोहम्मद बिन सलमान युवराज बनने से एक सुधारवादी हस्ती बन जाएंगे जिससे सऊदी अरब इक्कीसवीं शताब्दी में दाख़िल हो सके, लिखा कि पिछले कुछ महीने के अनुभव यह दर्शाते हैं कि उनके सत्ता में आने से पूरा क्षेत्र अस्थिरता का शिकार हो जाएगा।

मोहम्मद बिन सलमान देश की सत्ता में पहुंचने और अपने आंतरिक प्रतिस्पर्धियों को रास्ते से हटाने के लिए मैक्याविले के विचार पर अमल कर रहे हैं कि जो लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हर तरह के रास्ते के अपनाने को सही समझते थे। विदेश स्तर पर भी मोहम्मद बिन सलमान की नीति नाकाम रही है। उनकी नीतियों के कारण सऊदी अरब की स्थिति पहले से ज़्यादा ख़राब हुयी और अब वह विश्व स्तर पर युद्ध अपराधी व मानवाधिकार के उल्लंघनकर्ता देश के रूप में पहचाना जाने लगा है। इसी वजह से मानवाधिकार हल्क़े मोहम्मद बिन सलमान को यमन में त्रासदी को जन्म देने के कारण दंडित करने की मांग कर रहे हैं।

यह विषय इस बात का कारण बना है कि मोहम्मद बिन सलमान के सत्ता को हथियाने के ख़्वाब की जगह दुस्वप्न ले ले। (MAQ/T)