यमन की अपदस्थ सरकार ने युद्ध विराम का विरोध किया
सऊदी अरब की ओर से युद्ध विराम के उल्लंघन के जारी रहने के कारण इससे पहले स्वीज़रलैंड में होने वाली वार्ता का भी कोई परिणाम नहीं निकला
यमन में शांति स्थापित करने हेतु अमेरिकी विदेशमंत्री ने जिस युद्ध विराम की सहमति की घोषणा की गयी है रियाज़ प्रतिनिधिमंडल या यमन की अपदस्थ सरकार ने उसके प्रति अपने विरोध की घोषणा की है।
यमन की अपदस्थ सरकार के उप प्रधानमंत्री और विदेशमंत्री अब्दुल मलिक अलमखलाफ़ी ने कहा है कि यमन में शांति स्थापित करने हेतु अमेरिकी विदेशमंत्री जॉन केरी ने जिस सहमति की घोषणा की है यमन के अपदस्थ राष्ट्रपति अब्दो रब्बे मंसूर हादी उसके विरोधी हैं।
पिछले 10 अप्रैल को भी कुवैत में होने वाली वार्ता में यमन में युद्धरत समस्त पक्षों से युद्ध विराम के प्रति कटिबद्ध रहने की मांग की गयी थी परंतु सऊदी अरब की ओर से युद्ध विराम के उल्लंघन के जारी रहने के कारण इससे पहले स्वीज़रलैंड में होने वाली वार्ता का भी कोई परिणाम नहीं निकला।
यमन की अपदस्त सरकार का प्रतिनिधिमंडल किसी भी स्थिति में यमन में युद्ध विराम और राष्ट्रीय एकता की सरकार के विषय को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है और यह दोनों विषय यमन पर हमले जारी रखने और इस देश में प्रभाव के लिए सऊदी अरब के बहाने हैं।
सऊदी अधिकारी यमन पर हमला करने की भारी कीमत चुका रहे हैं और इसी तरह यमन में अपने लक्ष्यों को साधने में बारमबार विफलता मिलने के बावजूद वे आसानी से यमन में शांति समझौते को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं और हर संभव मार्ग से वे अपने लक्ष्यों को साधने की जुगत में हैं।
यह उस स्थिति में है जब ओमान में भी यमन की वार्ताकार टीम ने कहा है कि सऊदी अरब और उसके पिछलग्गू वार्ता में गम्भीर नहीं हैं।
इसी मध्य यमन के मामलों में सयुंक्त राष्ट्रसंघ के विशेष दूत इस्माईल वलद अश्शैख़ यमन के बारे में युद्ध विराम की पुष्टि में एक विज्ञप्ति जारी करने के प्रयास में हैं पर प्रतीत यह हो रहा है कि सऊदी अरब की वार्ताकार टीम इस विज्ञप्ति को स्वीकार नहीं करेगी।
बहरहाल ओमान में शांतिवार्ता ऐसी स्थिति में हो रही है जब सऊदी अरब यमन के विभिन्न क्षेत्रों पर बमबारी जारी रखे हुए है जो इस बात की सूचक है कि सऊदी अरब इन वार्ताओं में गम्भीर नहीं है। MM