पार्सटुडे - पुलित्जर पुरस्कार निदेशक मंडल ने एक बयान जारी करके अमेरिकी विश्वविद्यालयों के प्रदर्शनकारी छात्रों को कवर करने वाले छात्रों को सम्मानित किया।
मिडिल ईस्ट आई ने एक यूरोपीय डिप्लोमैट के हवाले से लिखा हैः अमरीका ने दुनिया की सच्चाई से अपना नाता तोड़ लिया है और अमरीकी ख़ुफ़िया एजेंसियां वर्तमान घटनाक्रमों को लेकर हास्यास्पद तर्क पेश कर रही हैं।
ब्रिटेन के ख़िलाफ़ आज़ादी की लड़ाई लड़ने वाले आयरिश स्वतंत्रता सेनानियों में से एक बॉबी सैंड्स हैं। उन्होंने ब्रिटिश जेल में भूख हड़ताल की, जिसे सदी की सबसे मशहूर भूख हड़ताल कहा गया है। इस तरह से सैंड्स ने ब्रिटिश वर्चस्व के ख़िलाफ़ लड़ाई में अपनी जान की क़ुर्बानी दी।
पार्सटुडेः अमेरिकी पत्रिका "फॉरेन अफेयर्स" ने 2 लेखों में रूस, चीन, ईरान और उत्तर कोरिया के बीच गठबंधन के कारणों और उसके परिणामों को लेकर चर्चा की।
पार्सटुडेः ग़ज़्ज़ा में नरसंहार की शुरुआत के बाद से, इस्राईली शासन ने कम से कम 103 पत्रकारों और मीडियाकर्मियों को मार डाला है। इनमें से ज़्यादातर लोग ऐसी स्थिति में मारे गए हैं कि जब वे यह कोशिश कर रहे थे कि ग़ज़्ज़ा में होने वाले जघन्य अपराधों को दुनिया के सामने पेश कर सकें। वहीं कुछ लोगों को उनके घरों में निशाना बनाया गया और उनके साथ-साथ उनके परिवार वालों को भी मौत के घाट उतार दिया गया।
पार्स टुडे- अमरीका में इस समय राजनैतिक और मीडिया संस्थान जिनमें लिबरल और कंज़रवेटिव दोनों प्रकार के संस्थान शामिल हैं उन लोगों और संस्थाओं पर सीधे हमले कर रहे हैं जो अमरीका की विदेश नीति की आलोचना में ज़बान खोलना चाहते हैं। शांति के समर्थकों से विरोध और अभिव्यक्ति की आज़ादी छीनी जा रही है।
पार्सटुडे- पिछले वर्ष स्वीट्ज़रलैंड में जातिवादी घटनायें हर समय से अधिक घटी हैं। अधिकांश जातिवादी और नस्ली घटनाओं का संबंध काम करने के स्थान से नहीं था बल्कि उनका संबंध स्कूलों से था यानी स्कूलों में घटी हैं।
पार्सटुडे - अप्रैल में जारी होने वाले एक सर्वे के अनुसार, अमेरिकियों की नई पीढ़ी, अपनी पुरानी पीढ़ियों के ख़िलाफ़, इस्राईलियों की तुलना में फिलिस्तीनियों के बारे में अधिक सकारात्मक दृष्टिकोण रखती है।
इस्लामोफ़ोबिया का मानना है कि मुसलमानों के विरुद्ध भेदभावपूर्ण कार्यवाहियां की जा सकती हैं। उसके अनुसार इस्लाम स्वभाविक रूप पश्चिमी मूल्यों के लिए ख़तरा है।
पार्सटुडे- अमेरिका ने कंबोडिया पर जो बमबारी की उसके बारे में अनुमान लगाया जाता है कि पांच लाख टन से अधिक बम और बारुत कंबोडिया के एक लाख 13 हज़ार से अधिक लोगों पर गिराये गये।