Pars Today
सूरे असरा की आयत संख्या 81 पर विस्तार से बात करेंगे।
यह दुनिया अपनी पूरी सुन्दरता के साथ हमारे सामने मौजूद हैं।
दुनिया और उसमें जो कुछ भी है वह ईश्वर की शक्ति, सुन्दरता, युक्ति और तत्वदर्शिता का दर्पण है।
अल्लाह ने इंसान को जो अनुकंपाएं प्रदान की हैं उनमें से एक कान और श्रवण की शक्ति है।
मनुष्य के मुंह में पाई जाने वाली ज़बान, देखने में तो मांस का एक टुकड़ा है किंतु यह उसके लिए बहुत उपयोगी है।
पवित्र क़ुरआन के सूरे बलद की आठवीं आयत में ईश्वर कहता है कि क्या हमने इंसान को दो आंखें नहीं दीं।
यदि ईश्वर की सृष्टि में ध्यान दिया जाए तो नाना प्रकार के प्राणी दिखाई देंगे।
मकड़ी ईश्वर की एक अन्य रहस्यमयी प्राणी है।
ईश्वर की एक अन्य निशानियों में से एक चीटी है।
पवित्र क़ुरआन में विभिन्न प्रकार के जीव जन्तुओं की 26 जातियों का उल्लेख किया गया है किन्तु उन जानवरों में से एक ऊंट है जिसके बारे में मनुष्य को चिंतन मनन का आदेश दिया गया है।