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ग़ज़्ज़ा युद्ध ने बहुत सारी छिपी सच्चाइयों से उठाया पर्दा, दुश्मन चाहे जितना ज़ोर लगा ले, उसकी पराजय निश्चित हैः आयतुल्लाह ख़ामेनेई
Nov १९, २०२३ १९:०५इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने अवैध ज़ायोनी सरकार को नस्लवाद का प्रतीक बताया है और कहा है कि आक्रमणकारी ज़ायोनी खुद को एक श्रेष्ठ नस्ल और दूसरों को नीचा और गिरा हुआ इंसान मानते हैं, यही कारण है कि उन्होंने हज़ारों बच्चों का बेरहमी से नरसंहार किया है।
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जिनेवा में ग़ज़्ज़ा की स्थिति पर चर्चा के बाद ईरानी विदेश मंत्री तेहरान लौटे
Nov १७, २०२३ १४:०३इस्लामी गणराज्य ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान जिनेवा में ग़ज़्ज़ा पर मानवाधिकार संगठनों के अधिकारियों से मुलाक़ात और बातचीत के बाद शुक्रवार सुबह तेहरान लौट आए हैं।
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ग़ज़्ज़ा में इंडोनेशियाई अस्पताल पूरी तरह से बंद, अल अहली अस्पताल की भी आतंकी इस्राईली सेना ने की घेराबंदी
Nov १७, २०२३ १३:४५आतंकी इस्राईली सेना किसी भी अंतर्राष्ट्रीय अपील, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को मानने के लिए तैयार नहीं है। लगातार वह मानवाधिकारों को अपने पैरों तले रौंद रही है। इस बीच ग़ज़्ज़ा से मिलने वाली जानकारी के अनुसार, जहां इंडोनेशाई अस्पतला की सेवा पूरी तरह ठप हो गई है तो वहीं अल अहली अस्पताल की आतंकी ज़ायोनी सेना ने पूरी तरह घेराबंदी कर ली है।
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कुछ नहीं तो कम से कम मदद तो कर ही सकते हैं! हमास ने की मानवता प्रेमी सहायता की अपील!
Nov १७, २०२३ १२:५१ईरान में फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास के प्रतिनिधि ने तेहरान के मेयर द्वारा फ़िलिस्तीन के बेघर लोगों के समर्थन में अपनाई गई नीति की सराहना करते हुए कहा कि ग़ज़्ज़ा को मानवीय सहायता की ज़रूरत है।
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वीडियो रिपोर्टः ग़ज़्ज़ा में युद्धविराम को लेकर सुरक्षा परिषद में पास हुआ प्रस्ताव, लेकिन इस्राईल की मनमानी जारी, मानवीय ज़िन्दगियों से बढ़कर हैं नेतन्याहू के लक्ष्य!
Nov १६, २०२३ १९:२४ग़ज़्ज़ा युद्ध और अवैध ज़ायोनी शासन द्वारा फ़िलिस्तीनियों पर किए जाने वाले अत्याचारों और नरसंहार के सामने शांति और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा बनाए रखने वाली संस्था के रूप में संयुक्त राष्ट्र संघ की निष्क्रियता और विशेष रूप सुरक्षा परिषद में जारी गतिरोध ने न केवल इस संस्था की साख को चोट पहुंचाया है बल्कि वैश्विक स्तर पर इसकी काफ़ी आलोचना हो रही है। अब 40 दिन बाद सुरक्षा परिषद ने एक न्यूनतम प्रस्ताव पारित कर ग़ज़्ज़ा युद्ध ख़त्म करने की दिशा में क़दम उठाया है। दिन ब दिन गहराते ग़ज़्ज़ा संकट का ...
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नेतन्याहू के बजाए बश्शार असद की गिरफ़्तारी का वारंट, आख़िर क्यों?
Nov १५, २०२३ १९:४४फ्रांस ने सीरियाई राष्ट्रपति बश्शार असद के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वारंट जारी किया है।
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आख़िर अवैध इस्राईली शासन में ऐसा क्या है कि हज़ारों बच्चों के हत्यारे नेतन्याहू के साथ खड़ा है अमेरिका और कुछ यूरोपीय देश?
Nov १५, २०२३ १६:०२इस समय दुनिया के ज़्यादातर इंसानों के मन में एक सवाल ऐसा सवाल है कि जिसका जवाब किसी को भी नहीं मिल पा रहा है। सवाल यही है कि आख़िर पश्चिमी एशिया में मौजूद अवैध शासन इस्राईल में ऐसा क्या है कि उसके हर अपराध और विशेषकर उसके द्वारा हज़ारों बच्चों की हत्या किए जाने का बावजूद अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और कनाडा समेत कई अन्य देश उसका समर्थन करते चले आ रहे हैं। अवैध ज़ायोनी शासन का समर्थन करने के पीछे क्या उनकी मजबूरी है या फिर यह उनकी किसी साज़िशी योजना का हिस्सा है।
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ग़ज़्ज़ा का शिफ़ा अस्पताल, जो अब मुर्दाघर में बदल गया है! मनगढ़ंत कहानी बनाकर मीडिया तक पहुंचा रहा है आतंकी इस्राईल
Nov १४, २०२३ १९:०७जैसे-जैसे आतंकी अवैध इस्राईली शासन के युद्ध अपराधों से पर्दा उठता जा रहा है वैसे-वैसे उसने अब अपने जघन्य अपराधों को छिपाने के लिए झूठी और मनगढ़ंत कहानियां बनाकर मीडिया के माध्यम से आम जनमत को गुमराह करने की भरपूर प्रयास आरंभ कर दिया है। वहीं ग़ज़्ज़ा के शिफ़ा अस्पताल से सामने आई तस्वीरों ने मानवता को शर्मसार कर दिया है। यह अस्पताल अब पूरी तरह मुर्दाघर में बदल चुका है।
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बाइडन के भाषण के बीच हुआ ज़बरदस्त हंगामा, ग़ज़्ज़ा में युद्धविराम के समर्थन में लगे ज़ोरदार नारे+ वीडियो
Nov १४, २०२३ १८:२७ग़ज़्ज़ा में युद्धविराम की मांग कर रहे एक प्रदर्शनकारी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के भाषण के दौरन जमकर हंगामा किया, जिसकी वजह को अमेरिकी राष्ट्रपति को अपने भाषण को बीच में ही रोकना पड़ गया।
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हम तो डूबे हैं सनम तुमको भी ले डूबेंगे, अमेरिका के कारण गिरती संयुक्त राष्ट्र संघ की साख!
Nov १३, २०२३ १८:५९जिस प्रकार ग़ज़्ज़ा में अवैध इस्राईली शासन द्वारा अमेरिका और कुछ पश्चिमी देशों के समर्थन से सभी मानवाधिकारों और राष्ट्र संघ के प्रस्तावों को पैरों तले रौंदा जा रहा है उसको देखते हुए अब यह कहा जाने लगा है कि अमेरिका की मनमानी और उसकी वर्चस्ववादी नीतियों के कारण जिस प्रकार उसका पतन हो रहा है उसी तरह संयुक्त राष्ट्र संघ पर अमेरिका के लगातार बढ़ते प्रभाव की वजह से इस अंतर्राष्ट्रीय संस्था की साख मिट्टी में मिलती जा रही है।