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ख़ुद संयुक्त राष्ट्र महासचिव कहते हैं कि सुरक्षा परिषद में सुधार का समय आ गया है, लेकिन सुधार से उनका तात्पर्य क्या है?
May २२, २०२३ १९:३५संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने एक बयान दिया कि अब समय आ गया है कि सुरक्षा परिषद और ब्रिडन वुड्ज़ में आज की दुनिया से तालमेल बिठाने के लिए सुधार किए जाएं।
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चरमपंथी ज़ायोनियों के चहेते इस्राईली मंत्री की अमरीका और ख़ुद इस्राईल के भीतर क्यों आलोचना की जा रही है?
May २२, २०२३ १८:४३ईतमार बिन ग़फ़ीर इस्राईल के वह मंत्री हैं जिनके चरमपंथी होने की चर्चा, इस्राईल और अमरीका तक में है। बिन ग़फ़ीर इस समय बिनयामिन नेतनयाहू सरकार में मंत्री हैं। विपक्षी नेता याईर लबीद ने बिन ग़फ़ीर के लिए कहा कि यह बेहद चरमपंथी व्यक्ति है क्योंकि मस्जिदुल अक़सा में ईतमार बिन ग़फ़ीर की भड़काई हरकत की आलोचना अमरीका ने भी की है।
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यूक्रेन जंगः स्ट्रैटेजिक बाख़मोत पर रूस का क़ब्ज़ा? क्या एफ़-16 युद्धक विमानों से बदलेगा लड़ाई का नक्शा या यूरोप के भीतर तक पहुंचेगी युद्ध की आग?
May २२, २०२३ १६:५२युक्रेन की जंग की तारीख़ में मई का महाना आकस्मिक घटनाओं का महीना माना जाएगा। यह यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदमीर ज़ेलेन्स्की और उनके अमरीकी और यूरोपीय घटकों के लिए बड़े गंभीर झटकों का महीना है।
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क्या पुतीन को क़त्ल करने की कोशिश यूक्रेन जंग में अमरीका की हार का एलान है? क्या अब रूस के जवाबी हमले में ज़ेलेन्स्की निशाना बनेंगे? ड्रोन क्रेमलिकन तक पहुंचे कैसे?
May ०४, २०२३ १८:०४रूस के राष्ट्रपति व्लादमीर पुतीन की टारगेट किलिंग की कोशिश के बाद अब रूसी नेतृत्व को यूक्रेन के राष्ट्रपति और वरिष्ठ सैन्य नेतृत्व को निशाना बनाने का ग्रीन सिग्नल मिल गया है। बात यह है कि यह मसला रूस जैसे देश का है जो बड़ी परमाणु ताक़त है यह कोई तीसरी दुनिया का कमज़ोर देश नहीं है।
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ईरान ने अमरीका की नाक फिर ज़मीन पर रगड़ दी, अरब सागर में पकड़ लिया नया टैंकर, ईरान के इस ताक़तवर जवाब की क्या वजह है?
May ०१, २०२३ १५:४९ईरान की तेज़ रफ़तार सैनिक नौकाओं ने ओमान खाड़ी में अमरीकी तेल टैंकर पकड़ लिया और उसे ईरानी बंदरगाह पर पहुंचा दिया। इससे पहले अमरीका ने ईरान का तेल टैंकर पकड़ लिया था जो चीन जा रहा था।
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देश के मुसलमानों से नफ़रत, विदेशी मुसलमानों से दोस्ती, नए भारत की नई तस्वीर!
Mar १६, २०२३ १८:३५एक ओर भारत में आए दिन धर्म के आधार पर मुसलमानों के साथ मारपीट, लिंचिंग और बुल्डोज़र से उनके घरों को ध्वस्त कर देने की ख़बरे सामने आती रहती हैं तो दूसरी ओर विश्व में मौजूद मुस्लिम और इस्लामी देशों से भारत की सरकार लगातार दोस्ती बढ़ाने का प्रयास करती रहती है। जिसकी बुनियाद पर यह सवाल पैदा होता है कि आख़िर देश के मुसलमानों से नफ़रत क्यों और विदेशी मुसलमानों से इतनी मोहब्बत के पीछे राज़ क्या है?
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अमेरिकी-पश्चिमी मीडिया द्वारा ईरान के ख़िलाफ़ छेड़ी गई जंग का क्यों हिस्सा बन रही है भारतीय मीडिया? झूठ को सच और सच को झूठ बनाना सबके लिए है हानिकारक!
Mar ०१, २०२३ १९:३२भारत में आए दिन मिड डे मील खाकर बीमार होने वाले स्कूली बच्चों की ख़बरें सामने आती रहती है, लेकिन कभी भी कोई इन ख़बरों को इस तरह पेश नहीं करता है कि बच्चों को स्कूल जाने से रोकने के लिए मिड डे मील की गुणवत्ता को ख़राब किया गया था। लेकिन अगर ईरान में इस तरह की कोई छोटी सी भी घटना घटती है तो पश्चिमी मीडिया उसे तिल का ताड़ बनाकर पेश करता है।
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हिन्दू राष्ट्र, खालिस्तानी राष्ट्र और इस्लामी राष्ट्र, जब बात निकली है तो बहुत दूर तलक जाएगी ...
Feb २८, २०२३ १९:०१भारत एक लोकतांत्रिक देश है, इसकी ख़ूबसूरती भी अनेकता में एकता के तौर पर मानी जाती है। शायद ही दुनिया का कोई ऐसा देश होगा कि जहां इतनी बड़ी संख्या में विभिन्न धार्मिक मान्यताओं के मानने वाले रहते हों या फिर इतनी ज़्यादा तादाद में भाषाएं बोली जाती हों। लेकिन इधर कुछ वर्षों से हिन्दू कट्टरपंथियों की ओर से हिन्दुस्तानी गुलिस्तां में मौजूद रंग-बिरंगे फूलों को तोड़ने की कोशिश की जा रही है।
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मोदी सरकार में न कोई घोटाला, न दंगा और न ही भ्रष्टाचार, आख़िर यह सब कैसे हुआ संभव! वजह जानकर आप भी रह जाएंगे दंग!
Feb २७, २०२३ १५:४०आजकल भारत की मोदी सरकार की हर ओर तारीफ़ें हो रही हैं, जिस मीडिया चैनल को सुनों, जिस भी समाचार पत्र को पढ़ों और जिस भी सरकारी संस्थओं के अधिकारी से बात करो सबके सब भारत की मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी के शासन की तारीफ़ करते हुए थकते नहीं दिखाई देते हैं। आख़िर यह सब कैसे संभव हुआ, इसके बारे में जानना बहुत ज़रूरी है।
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अक़बा में सुरक्षा शिखर बैठक के नतीजे में क्या वेस्ट बैंक में धधक उठेगी दूसरे इंतेफाज़ा की आग
Feb २६, २०२३ १६:३९रविवार को अक़बा में सुरक्षा शिखर बैठक हो रही है जिसमें मिस्र, फ़िलिस्तीनी प्रशासन, ज़ायोनी शासन, जार्डन और अमरीका के शीर्ष सुरक्षा अधिकारी भाग ले रहे हैं।