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शेर की दुनियाः इंशालुउल्लाह खां इंशा कहते हैं कि ग़नीमत है कि हम सूरत यहां दो चार बैठे हैं
Oct ०९, २०१९ १७:१९फ़िरदौसी का कहना है कि शायरी ने उन्हें अमर बना दिया और उनकी मेहनत का यही असली फल है
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शेर की दुनियाः यह शिकायत ग़ालिब को भी थी कि ज़माने के लोगों ने उनकी शायरी को नहीं समझा और यह पीड़ा फ़िरदौसी के यहां भी दिखाई देती है कि उनकी क़द्र नहीं की गई
Sep ३०, २०१९ १९:३०शेर की दुनिया में दोनों शायरों की शायरी और ज़माने के हालात पर एक तुलनात्मक नज़र डाली गई है।
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शेर की दुनियाः मिर्ज़ा ग़ालिब के शेर पढ़े लिखे लोगों ही नहीं बल्कि एक आम किसान की ज़बान से भी सुने जा सकते हैं, ईरान में फ़िरदौसी बेहद लोकप्रिय हैं!
Sep २४, २०१९ १९:५५फ़िरदौसी और मिर्ज़ा ग़ालिब की शायरी और लोकप्रियता पर एक तुलनात्मक नज़र