Pars Today
अमरीका तथा पश्चिम के धमकी भरे बयानों और हिंसक कार्यवाहियों के बावजूद यमनी, ग़ज़्ज़ावासियों के समर्थन से हाथ पीछे नहीं खींच रहे हैं।
ज़ायोनी अधिकारियों के अत्याचारों और झूठ से उसके समर्थक देशों में भी विरोध की आवाज़ें उठने लगी हैं।
अमीर अब्दुल्लाहियान कहते हैं कि ग़ज़्ज़ा में जारी युद्ध क्षेत्र की मानवीय स्थति को प्रभावित करेगा।
पेंटागन ने घोषणा की है कि 6 देशों के सहयोग से यमन में 8 क्षेत्रों पर हमले किये गए।
ज़ायोनी संचार माध्यमों ने यह बात स्वीकार की है कि यमनियों के हमलों के कारण इस्राईल की सारी बंदरगाहों को नुक़सान पहुंचा है।
यमन की सेना ने अमरीका और ज़ायोनी शासन के जहाज़ों पर फिर हमला किया है।
लेबनान के हिज़बुल्ला आन्दोलन ने अवैध ज़ायोनी शासन पर फिर मिसाइल हमला किया है।
उत्तरी यमन पर अमरीका और ब्रिटेन के युद्धक विमानों ने हमला किया है।
सात अक्तूबर से गज़्ज़ा में फ़िलिस्तीनियों के विरुद्ध ज़ायोनियों की अमानवीय कार्यवाहियां जारी हैं।
यमन के लोकप्रिय जनांदोलन अंसारुल्लाह के प्रवक्ता ने यह स्पष्ट किया है कि यमन की सैन्य शक्ति को कभी ख़त्म नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह शक्ति लंबे युद्ध और संघर्ष के बाद हासिल की गयी है।