Pars Today
रूस का यूक्रेन के ख़िलाफ़ विशेष सैन्य अभियान
ईरान और भारत के संबंध सदियों नहीं बल्कि हज़ारों बरस पुराने हैं और यह संबंध जनता और सरकार दोनों स्तर पर हमेशा से मज़बूत रहे हैं। दोनों राष्ट्रों के बीच जो सांस्कृतिक जुड़ाव रहा है, उसने इन रिश्तों और और अधिक मज़बूती प्रदान की है।
तेल से मालामाल रणनैतिक महत्व रखने वाले मआरिब प्रांत की ओर यमनी सेना के बढ़ते क़दम से सऊदी गठबंधन में चिंता की लहर दौड़ गयी है।
अमरीका के नए राष्ट्रपति जो बाइडन ने सत्ता में आने से पहले ही सऊदी अरब के संबंध में कड़ा तेवर अपना लिया था और सऊदी पत्रकार जमाल ख़ाशुक़जी की हत्या के मामले को फिर से उठाने की बात की थी। उन्होंने किया भी यही और हाल ही में ख़ाशुक़जी हत्याकांड के बारे में अमरीकी गुप्तचर विभाग की जो रिपोर्ट सामने आई है, उसमें सऊदी युवराज मुहम्मद बिन सलमान की तरफ़ उंगली उठाई गई है और इस हत्या में उनकी सीधी भूमिका की बात कही गई है।
इस्लामी गणतंत्र ईरान ने 23 फरवरी सन 2021 को एक बड़ा एलान करते हुए कहा कि वह आज से एनपीटी के पूरक प्रोटोकोल का पालन रोक रहा है। यह उस दिन की दुनिया की एक बड़ी खबर थी। स्वयं ईरान के राष्ट्रपति डॉक्टर हसन रूहानी एलान करते हुए कहा था कि हम परमाणु समझौते के परिप्रेक्ष्य में पहला क़दम उठाने जा रहे हैं।
20 जनवरी को अमरीका के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण के ठीक एक महीने बाद जो बाइडन ने पहली बार एक बड़े अंतर्राष्ट्रीय मंच से अमरीका इज़ बैक के साथ विश्व में अमरीका के वनवास की समाप्ति का एलान किया।
सऊदी अरब ने यमन के ख़िलाफ़ संकल्प का तूफ़ान नामक आप्रेशन शुरु तो किया लेकिन यमनियों ने सऊदी अरब को उसकी औक़ात याद दिला दी।
दोस्तो दुनिया की इस महत्वपूर्ण साइंस के क्षेत्र में ईरान के सफ़र का महत्वपूर्ण पड़ाव सफ़ीर राकेट से उम्मीद नाम के सैटेलाइट का अंतरिक्ष में स्थापित किया जाना था। ईरान को यह कामयाबी 2 फ़रवरी 2009 को मिली थी। इस बड़ी सफलता को यादगार बनाने के लिए ईरान ने ईरानी कैलेंडर के ग्यारहवे महीने बहमन की 14 तारीख़ को राष्ट्रीय अंतरिक्ष उद्योग दिवस घोषित कर दिया गया जो 2 फ़रवरी को पड़ा था।
ट्रम्प अमरीका की सत्ता से बहुत बेइज्ज़त होकर बाहर निकले और उनका स्थान बाइडन ने लिया तो इस बड़े बदलाव के असर भी अब विश्व स्तर पर नज़र आने लगे हैं। विशेष रूप से पश्चिम एशिया के इलाक़े में यह बदलाव साफ़ नज़र आ रहा है जहां पहले से तनाव मौजूद है।
गत 20 जनवरी को अमरीका में जो बाइडन ने नये राष्ट्रपति के रूप में शपथग्रहण किया और इस तरह से काले कारनामे वाले अमरीका के बेहद विवादस्पद राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प का काला दौर ख़त्म हो गया लेकिन उनकी विरासत जो ट्रम्प इज़म के नाम से पहचानी जाती है, वह पूरी दुनिया और ख़ास तौर पर अमेरिका को दीमक की तरह चाटती रहेगी।