Jun ०७, २०२१ १५:५१ Asia/Kolkata

सीरिया की राजधानी दमिश्क़ के उपनगरीय क्षेत्र सबीना में स्थित फ़िलिस्तीनियों के शरणार्थी कैंपों में से एक में एक कैंप के रहने वालों ने बैतुल मुक़द्दस की तलवार नामक आप्रेशन की सफलता का जश्न मनाया।

इस्लामी गणतंत्र ईरान का शुक्रिया अदा करते हैं कि प्रतिरोध के समर्थन का आज फ़िलिस्तीन की धरती पर परिणाम निकला, यह जनरल क़ासिम सैलैमानी का नज़रिया था जिसने अतिग्रहणकारियों को असक़लान से तेल अवीव तक तबाह व बर्बाद करके रख दिया।

इस्लामी गणतंत्र ईरान के राजदूत भी फ़िलिस्तीनियों के इस कार्यक्रम के विशेष मेहमान थे ताकि फ़िलिस्तीन के प्रतिरोधकर्ताओं के समर्थन के बारे में तेहरान के दृष्टिकोण पर एक बार फिर से बल दें। ज़ायोनी शासन और उसके अंतर्राष्ट्रीय सहयोगियों की इस कोशिश के बावजूद कि फ़िलिस्तीन के मुद्दे को भुला दें, ग़ज़्ज़ा की जंग ने एक बार फिर फ़िलिस्तीनी मुद्दे और उसके महत्व को दुनिया के सामने पेश किया।

फ़िलिस्तीन और सीरिया के कुछ बुद्धिजीवियों ने भी इस्राईल के मुक़ाबले में प्रतिरोधकर्ताओं के सैफ़ुल क़ुद्स नामक आप्रेशन की कामयाबी के आयामों पर प्रकाश डाला।

बैतुल मुक़द्दस की तलवार नामक आप्रेशन ने एक बार फिर साबित कर दिया कि दुश्मन केवल दस दिन ही बर्दाश्त कर सकता है और उसे प्रतिरोध के हमलों की वजह से एयरपोर्ट्स बंद करने पड़े और अनेक समस्याओं का सामना पड़ा।

 इस कार्यक्रम में शामिल लोगों ने बल दिया कि फ़िलिस्तीन के अतिग्रहण के 7 दश्क बाद भी जनता ने यह साबित कर दिया कि दुश्मनों के सामने कभी भी घुटने नहीं टेकेंगे। सैफ़ुल क़ुद्स नामक आप्रेशन वह तूफ़ान था जिसने इस्राईल की खोखली ताक़त की धज्जियां उड़ा दीं और यह साबित कर दिया कि इस शासन का पतन निश्चित है। (AK)

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