यूपी में आबादी पर लगाम लगाने वाले क़ानून के नतीजे में लैंगिक असमानता और बेटे की चाह में गर्भपात बढ़ेगाः एक्सपर्ट्स, भाजपा के आधे विधायक अयोग्य क़रार पाएंगे
(last modified Sat, 17 Jul 2021 16:36:55 GMT )
Jul १७, २०२१ २२:०६ Asia/Kolkata
  • यूपी में आबादी पर लगाम लगाने वाले क़ानून के नतीजे में लैंगिक असमानता और बेटे की चाह में गर्भपात बढ़ेगाः एक्सपर्ट्स, भाजपा के आधे विधायक अयोग्य क़रार पाएंगे

भारत के सबसे ज़्यादा आबादी वाले राज्य में दो बच्चों की योजना धमकी भरी क्यों है

भारत के सबसे ज़्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में दक्षिणपंथी सरकार ने एक विवादित क़ानून की पेशकश रखी है जिसका लक्ष्य आबादी को लगाम लगाना जबकि एक्सपर्ट्स इसे धमकी भरी योजना मान रहे और उन्हें इस बात का डर है कि सरकार का यह क़ानून राज्य में Gender inequality या लैंगिक असमानता जैसी ख़तरनाक समस्या को जन्म देगा।

पिछले हफ़्ते उत्तर प्रदेश में इस क़ानून का मसौदा जिसका शीर्षक है “यूपी आबादी नियंत्रण, स्थिरता और कल्याण बिल 2021”, राज्य के क़ानून आयोग की ओर से पेश किया गया, जिस पर लोगों की 19 जुलाई तक राय मांगी गयी है।

इस प्रस्तावित बिल में प्रावधान है कि जिन लोगों के पास 2 से ज़्यादा बच्चे होंगे वे राज्य सरकार में नौकरी से वंचित और जिन लोगों के यहां पहले से दो से ज़्यादा बच्चे हैं और वे नौकरी में हैं तो उन्हें नौकरी में प्रमोशन नहीं मिलेगा और वे राज्य सरकार की 77 स्कीमों से लाभान्वित नहीं हो सकेंगे।

मसौदे के मुताबिक़, जो भी यूपी में 2 बच्चों की नीति का उल्लंघन करेगा, वह स्थानीय चुनाव लड़ने के अयोग्य क़रार पाएगा।

ज़बरदस्ती अस्वीकार्य है

एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस बात के कोई सुबूत नहीं हैं कि इस तरह के क़ानून से प्रजनन क्षमता या फ़र्टिलिटी कम होगी, बल्कि इस बात का ख़तरा है इस तरह के क़ानून से Gender inequality या लैंगिक असमानता जैसी ख़तरनाक समस्या जन्म लेगी।

भारत में पाप्यूलेशन फ़ाउंडेशन ऑफ़ इन्डिया की इक्ज़ेक्यूटिव डायरेक्टर पूनम मतरेजा का मानना हैः “इस बात के कोई सुबूत नहीं है कि 2 बच्चों की नीति पर क़ायम रहने के लिए उत्साहित या हतोत्साहित करने वाली बातें प्रभावी होंगी। बल्कि प्रस्तावित बिल Gender inequality या लैंगिक असमानता, असुरक्षित गर्भापात, सेक्स रेशियो में अंतर और कुपोषण को बढ़ावा देगा।”

चुनावी प्रोपैगन्डा

बड़ी ही हास्यास्पद बात है कि अगर दो बच्चों के प्रस्तावित क़ानून को यूपी में लागू किया जाए तो सत्ताधारी भाजपा के आधे विधायक चुनाव लड़ने के अयोग्य क़रार पाएंगे, क्योंकि भाजपा के 304 विधायकों में 152 ऐसे हैं जिनके 3 या उससे ज़्यादा बच्चे हैं।  (MAQ/N)

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