भारतः 2021 में 6 पत्रकार क़त्ल और 108 पर हमले
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राइट्स एंड रिस्क्स एनालिसिस ग्रुप आरआरएजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत में 2021 में कम से कम 6 पत्रकारों को क़त्ल कर दिया गया जबकि 108 पर हमले किए गए और 13 मीडिया हाउसेज़ को निशाना बनाया गया।
(last modified 2023-04-09T06:25:50+00:00 )
Feb ०४, २०२२ १३:४२ Asia/Kolkata
  • भारतः 2021 में 6 पत्रकार क़त्ल और 108 पर हमले

राइट्स एंड रिस्क्स एनालिसिस ग्रुप आरआरएजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत में 2021 में कम से कम 6 पत्रकारों को क़त्ल कर दिया गया जबकि 108 पर हमले किए गए और 13 मीडिया हाउसेज़ को निशाना बनाया गया।

इंडिया प्रेस फ़्रीडम रिपोर्ट 2021 के शीर्षक के साथ जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि मीडिया की आज़ादी की सबसे ज़्यादा दुर्दशा भारत नियंत्रित जम्मू व कश्मीर में है जहां पत्रकारों को अकसर थानों में तलब किया जाता रहा, उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गईं, उनके घरों पर छापे मारे गए और सेक्युरिटी फ़ोर्सेज़ ने उन्हें हिंसा का निशाना बनाया।

रिपोर्ट में बताया गया है कि कश्मीर के अलावा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और त्रिपुरा उन इलाक़ों की सूची में सबसे ऊपर हैं जहां पिछले साल पत्रकारों और मीडिया हाउसेज़ को टारगेट किया गया।

क़त्ल किए गए 6 पत्रकारों में उत्तर प्रदेश और बिहार के दो दो जबकि आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र के एक एक पत्रकार शामिल हैं।

सबसे ज़्यादा कश्मीर में 25 पत्रकारों और मीडिया हाउसेज़ को निशाना बनाया गया। इसके बाद उत्तर प्रदेश में 23, मध्य प्रदेश में 16, त्रिपुरा में 15, दिल्ली में 8, बिहार में 6, असम में 5, हरियाणा में 4, महाराष्ट्र में 4, गोवा में 3, मणिपुर में 3, कर्नाटक में 2, तमिलनाडू में 2, पश्चिमी बंगाल में 2 जबकि आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और केरल में एक एक पत्रकार या मीडिया हाउस निशाना बने।

आरआरएजी के डायरेक्टर सोहास चकमा ने कहा कि जम्मू व कश्मीर से त्रिपुरा तक मीडिया की आज़ादी पर बड़े पैमाने पर हमले देश में अंतर्राष्ट्रीय क़ानूनों के तहत सामाजिक संबंधों की आज़ादी में लगातार बिगाड़ का स्पष्ट इंडीकेटर है।

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