विधानसभा चुनाव की मतगणना के दिन भी धांधली हो सकती हैः टिकैत
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष का कहना है कि सभी को अपने वोटों की निगरानी करनी है।
भारतीय मीडिया के अनुसार चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि 10 मार्च को सभी को अपने वोटों की निगरानी करनी है। अब हमें यह देखना है कि जिसको वोट दिया था यह उसे ही मिली है या नहीं।
टिकैत ने कहा कि किसी भी तरह की धांधलेबाजी से हालात अगर बिगड़ते हैं तो इसके लिए ज़िम्मेदार, शासन-प्रशासन ही होगा। उनका कहना था कि मतगणना पूरी निष्पक्षता से होनी चाहिए।
नरेश टिकैत ने कहा कि कुछ माह पूर्व हुए पंचायत चुनाव में भाजपा का सत्ता का दुरुपयोग पूरी दुनिया ने देखा था। विधानसभा चुनाव की मतगणना के दिन भी धांधलेबाजी हो सकती है। पंचायत चुनाव में जनता खामोश थी, लेकिन अब विधानसभा चुनाव में ऐसा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने आह्वान किया कि मतगणना के दिन सभी लोग एकजुट रहें। कानून के दायरे में रहकर धांधलेबाजी का पुरजोर विरोध करें। धारा 144 को लेकर नरेश टिकैत ने कहा कि प्रशासन अगर धारा 288 भी लागू कर दे तो भी उससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
किसान ट्रैक्टर पर अपनी वोट की निगरानी के लिए आएंगे। हमारा मकसद शांति व्यवस्था को खराब करना नहीं है। लेकिन लोग एकजुट होंगे तो प्रशासन पर दबाव रहेगा कि वह निष्पक्ष मतगणना कराएगा।
नरशे टिकैत ने कहा कि भाजपा किसान और मजदूर विरोधी रही है। जिसके चलते किसानों को एकजुट होना पड़ता है। इस सरकार की गलत नीतियों के चलते ही किसानों 13 माह तक आंदोलन करना पड़ा। जिसमें 750 किसान शहीद हो गए। इस सरकार को किसानों की शहादत से कोई फर्क नहीं पड़ा।
याद रहे कि उत्तर प्रदेश में सात चरणों का चुनाव संपन्न हो चुका है। तमाम एग्जिट पोल के मुताबिक उप्र में फिर से भाजपा की सरकार बन सकती है। अब हर किसी को 10 मार्च का इंतजार है।
इसी बीच राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी ने एग्जिट पोल पर ही सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि यह मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने का एक तरीका है। जयंत चौधरी के अनुसार जबतक ईवीएम नहीं खुलता तबतक किसी को भी रिजल्ट नहीं मालूम हो सकता।
जयंत ने का कि एग्जिट पोल का एक प्रॉसेस होता है। मैंने तो एक भी पोलिंग बूथ पर किसी भी एग्जिट पोल वाले को नहीं देखा। पता नहीं यह लोग कहां से डेटा लाते हैं। ये केवल उनकी सोच है। मैं इससे सहमत नहीं हूं।