Sep १७, २०२३ २०:५० Asia/Kolkata
  • नूह के दंगे को सरकार, जयपुर तक फैलाना चाहती थीः मलिक

सत्यपाल मलिक ने कहा है कि नूह का दंगा सरकारी प्रायोजित दंगा था।उन्होंने कहा कि नूह के सरकारी प्रयोगजित दंगे को केन्द्र की सरकार जयपुर तक फैलाना चाहती थी। 

भास्कर के अनुसार भारत के मेघालय राज्य के पूर्व राज्यपाल, सत्यपाल मलिक का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार, दोनों ही 100% देश विरोधी हैं।

उन्होंने कहा कि हरियाणा के नूंह में हुआ दंगा भी सरकारी और प्रायोजित था। केंद्र सरकार इसे अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, आगरा, भरतपुर और जयपुर तक फैलाना चाहती थी लेकिन किसानों ने उनका साथ नहीं दिया तो दंगे नहीं फैले।  उन्होंने कहा कि ये अब भी ऐसी ही कोशिश करेंगे। 

सत्यपाल मलिक ने कहा कि दिल्ली में मैंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा था कि सावधान रहना चुनाव आने से पहले मोदी कोई न कोई खुराफात करेंगे। राम मंदिर पर बम फिंकवा सकते हैं या बीजेपी के किसी नेता का कत्ल करवाकर कहीं भी दंगा करवा सकते हैं।  मलिक ने कहा कि अब सरकार दिल्ली में मोदी की नहीं बनेगी।

सत्यपाल मलिक के अनुसार नूह का दंगा सरकारी दंगा था जो पीएम मोदी और केंद्र सरकार द्वारा करवाया गया था। नूंह के मेव लोग बिल्कुल कम्यूनल नहीं हैं। मलिक ने कहा कि इस दंगे में सरकार ने कोशिश की थी कि किसानों, खास तौर पर जाटों को भड़काएं लेकिन वहां के खाप चौधरियों को पता था कि इतिहास क्या है।

सीकर के एसके ग्राउंड में आयोजित जाट-मुस्लिम-मेघवाल सम्मेलन में शामिल होने के बाद मीडिया से बातचीत में मलिक ने कहा कि ये बहुत ही खतरनाक, निर्दयी और दुष्ट लोग हैं। इनको हटाना आपका कर्तव्य है। यदि यह सरकार नहीं बदली तो इस देश में खेती, फौजी और जो भी अच्छा है वह सब कुछ खत्म हो जाएगा।

सत्यपाल मलिक ने इस सम्मेलन के बारे में कहा कि अब ऐसे कार्यक्रमों की जरूरत है क्योंकि कोशिश यह हो रही है कि देश में हिंदू-मुस्लिम दंगे करा दिए जाएं।  मलिक ने कहा कि हिंदुस्तान का पूरा इतिहास हिंदू और मुसलमान की एकता का रहा है। ऐसे में हिंदू-मुसलमान के चक्कर में पड़ने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि हल्दीघाटी में राणा प्रताप की तरफ से जो सेनापति था उसका नाम हकीम खां था। इसी तरह से राणा सांगा के साथ हसन खां मेवाती लड़े थे। देश का इतिहास ऐसे लोगों से भरा पड़ा है। 

उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले में भी केंद्र सरकार ने ही जवानों को मरवाया था, क्योंकि इन्होंने जवानों को हवाई जहाज ही नहीं दिए। मलिक ने कहा- मीडिया में रिपोर्टिंग है कि 4 महीने तक जवानों की एप्लीकेशन होम मिनिस्ट्री में पड़ी रही। यदि मुझे हवाई जहाज देने के लिए कहते तो मैं ही दे देता। मैं तो वहां परीक्षा के लिए लड़कों को हवाई जहाज दे देता था।

मलिक ने कहा कि केंद्र सरकार खेती और फौजी को खत्म करना चाहती है। मुझे बताएं कि कौन-सा युवा केवल 4 साल के लिए अपनी जान हथेली पर रखकर फौज में भर्ती होगा। इसका परिणाम होगा कि हमारी फौज नाकारा हो जाएगी।

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