कौन है जो भारत का नाम मुस्लिम दुश्मनी से जोड़ना चाहता है?
(last modified Thu, 04 Jul 2024 14:02:59 GMT )
Jul ०४, २०२४ १९:३२ Asia/Kolkata
  • कौन है जो भारत का नाम मुस्लिम दुश्मनी से जोड़ना चाहता है?
    कौन है जो भारत का नाम मुस्लिम दुश्मनी से जोड़ना चाहता है?

पार्सटुडे- भारत के हालिया लोकसभा चुनावों में भारत की सत्तारूढ़ पार्टी भारतीय जनता पार्टी के बहुमत से पीछे रहने की वजह से अब एक महीने से भी कम समय में विपक्षी दलों, विशेषकर मुस्लिम सांसदों की सत्ता में बढ़त हो गई है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में भारत में अल्पसंख्यकों के विरोध के स्वर पहले से अधिक सुनाई दे रहे हैं।

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी सरकार को एक महीने से अधिक का समय हो गया है हालांकि लंबे समय के बाद विपक्ष शक्तिशाली बनकर लौटा है और अब वह निचली सदन लोकसभा और उच्च सदन राज्यसभा में अलग-अलग भाषाओं का इस्तेमाल कर रहा है। दोनों सदनों में यह बात कही गयी कि भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों की समस्याओं की अब खोए हुए अधिकारों को लौटाने के दृष्टिकोण से जांच की जाए।

हालिया वर्षों में, मोदी सरकार पर बारम्बार मुसलमानों के अधिकारों का उल्लंघन करने का आरोप लगा है, सीएए, एनआरसी और तीन तलाक़ के क़ानूनों को बदलने तक जैसे मामले सामने चुके हैं।  

भारत के 20 करोड़ मुसलमान, देश का सबसे बड़ा अल्पसंख्यक ग्रुप हैं और 2014 में मोदी की भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद से देश में मुसलमानों के खिलाफ नफ़रत और हेट स्पीच के मामलों में लगातार वृद्धि हुई है।

भारत की सत्तारूढ़ सरकार के विपक्षी दल, कट्टरपंथी हिंदुओं के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने की अपील कर रहे हैं

बुधवार 3 जुलाई की सुबह, लोक सभा में हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भारतीय जनता पार्टी और भारत के प्रधानमंत्री की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा: हाल ही में मुसलमानों के ख़िलाफ़ लगातार ज़ुल्म हो रहे हैं, हिंदु चरमपंथियों द्वारा की जा रही हिंसक घटनाएं चिंताजनक हैं।

उन्होंने कहा कि मोदी को यह पद मुसलमानों से नफ़रत, कट्टरपंथी हिन्दुओं और हिंदुत्व के समर्थन की वजह से मिला है।

इससे पहले, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राजनीतिक कार्यालय ने एक बयान में चुनाव परिणामों के एलान के बाद की अवधि में देश के विभिन्न हिस्सों में मुस्लिम समुदाय के ख़िलाफ हमलों में तेज़ी आने की निंदा की थी।

मस्जिदों और इबादतगाहों को तोड़ना और जलाना, धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन को सीमित करना, मुस्लिम प्रवासियों को निवास परमिट न देना, कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म करना और मुसलमानों के खिलाफ चरमपंथी हिंदुओं के हिंसक हमलों पर चुप रहना,  उन टारगेटेड मुद्दों में है जो हालिया वर्षों में भारत में मुसलमानों के ख़िलाफ़ अंजाम दिए गए हैं।

इन मुद्दों की वजह से विश्व स्तर पर और अन्य देशों में धार्मिक और इस्लामी समाजों में भी भारत के बारे में एक छिपी हुई नफ़रत पैदा हुई और यह नफ़रत तेज़ी से बढ़ रही है।

कीवर्ड्ज़: भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति, नरेंद्र मोदी, भारत में मुसलमानों पर अत्याचार, भारत में चुनाव (AK)

 

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