कुलभूषण जाधव के केस की पूरी सच्चाई।
https://parstoday.ir/hi/news/india-i39906-कुलभूषण_जाधव_के_केस_की_पूरी_सच्चाई
भारत का एक निर्दोष इंसान कुलभूषण जाधव पिछले 1 साल से जासूसी के झूठे आरोपों में पाकिस्तान की जेलों में यातनाएं झेल रहा है।
(last modified 2023-04-09T06:25:50+00:00 )
Apr १२, २०१७ १७:०० Asia/Kolkata
  • कुलभूषण जाधव के केस की पूरी सच्चाई।

भारत का एक निर्दोष इंसान कुलभूषण जाधव पिछले 1 साल से जासूसी के झूठे आरोपों में पाकिस्तान की जेलों में यातनाएं झेल रहा है।

हाल ही में कुलभूषण जाधव को पाकिस्तानी सरकार द्वारा मौत की सज़ा सुना दी गयी है जिस पर भारत की तरफ़ से तीख़ी प्रतिक्रिया आयी है। कुलभूषण जाधव को मौत की सज़ा सुनाये जाने से भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में और भी ज़्यादा कड़वाहट आना तय है।

पिछले साल अफ़ग़ानिस्तान के तालेबान ने कुलभूषण जाधव को अफ़ग़ान-ईरान बॉर्डर से अगवा कर कई करोड़ रुपए में पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई को बेच दिया और पाकिस्तान ने कहना शुरू कर दिया कि उसने एक भारतीय जासूस को पाकिस्तान के अंदर से गिरफ़्तार कर लिया। हालात से साफ़ पता चलता है कि पाकिस्तान को झूठ बोलना भी अच्छे से नही आता। आपको कोई एक्सपर्ट होने की ज़रूरत नहीं है ये बताने के लिए कि कुलभूषण जाधव के बारे में पाकिस्तान सरासर झूठ बोल रहा है।

पाकिस्तान की एजेंसियां कह रही हैं कि कुलभूषण जाधव को उन्होंने बलूचिस्तान के 'चमन' क्षेत्र से पकड़ा है और वो ईरान से घुसा है। लेकिन मेरा इस पाकिस्तान की झूठी कहानी को लेकर एक ही प्रश्न है और वो ये कि अगर हम नक़्शे पर नज़र डालें तो पता चलता है कि अगर कोई इंसान ईरान से बलूचिस्तान में घुसेगा तो वो बलूचिस्तान के दक्षिणी छोर पर 'मकरान तट' पर पहुंचेगा और 'चमन' तो उत्तरी छोर पर पड़ता है। अगर उन्हें 'चमन' ही जाना होता तो वो सीधे अफ़ग़ानिस्तान के माध्यम से भी जा सकते थे जहाँ से केवल कुछ की किलोमीटर की दूरी पर 'चमन' पड़ता है और अफ़ग़ान पाकिस्तान बॉर्डर पर तो हमारा मज़ार-ए-शरीफ़ में काउन्सलेट भी है।

तो ऐसा तो कोई बेवकूफ़ इंसान ही कर सकता है की उसे जाना हो इतनी बड़े राज्य के उत्तरी छोर पर और वो उसमे घुसे दक्षिणी छोर से। ये साफ़ साफ़ दिखाता है की ये कुलभूषण जाधव को रॉ का एजेंट बताने की सारी कहानी मनगढ़ंत है।

दूसरी बात ये भी है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख का इस विषय पर झूठ बोलना और कहना कि उसकी ईरान के राष्ट्रपति 'हसन रूहानी' से बात हुई है इस घटना को लेकर, लेकिन ईरानी राष्ट्रपति 'हसन रूहानी' ने इस विषय पर पाकिस्तान के सेना प्रमुख की झूठ की पोल खोल दी और इस बात को सिरे से ख़ारिज कर दिया और कहा कि उनकी इस विषय में किसी से कोई बात नही हुई है।

ये अपने आप में दिखाता है की पूरा पाकिस्तान का तंत्र झूठ बोल रहा है। एक मुख्य बात ये भी है की जिस कागज़ को कुलभूषण जाधव का ईरानी वीज़ा बताया जा रहा है, वो वीज़ा है ही नहीं। वो तो ईरान के 'चाहबहार' क्षेत्र में रहने का आवासीय पत्र है जो वहां की पुलिस ने जारी किया है, आप सभी को मालूम ही होगा की 'चाहबहार' में भारत कुछ सालों से एक पोर्ट का निर्माण कर रहा है और उसी के सिलसिले में भारतीय इंजीनियर वहां जाते रहते हैं और कुलभूषण जाधव भी नेवी की इंजीनियर विंग से रिटायर हुए हैं।

एक और प्रमुख बात ये है कि अगर वो जासूस होते तो भारत की सरकार उन्हें अपना मानने से ही इंकार कर देती लेकिन हमने ये स्वीकार किया कि वह भारतीय है और ये अपने आप में ही सबूत है कि वो रॉ का हिस्सा नहीं हैं।

अब सवाल ये उठता है कि क्या हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी की चाय पर नवाज़ शरीफ़ के साथ बनाई गयी दोस्ती कोई काम भी आएगी या नहीं? और अगर उस दोस्ती का इस्तेमाल करके कुलभूषण को रिहा नही करा सकते तो अपनी विदेश यात्राओं की सफलता का ढिंढोरा पीटना मोदी जी को बंद कर देना चाहिए। मुल्क के अंदर देशभक्ति के सर्टिफिकेट बाँटने वाला गैंग भी इस मामले पर कुछ नहीं बोल रहा है। लगता है अपने आप को देशभक्ति का ठेकेदार बताने वालों की देशभक्ति सिर्फ नारों पर और समाज को बाँटने पर ही खत्म हो जाती है। क्या एक निर्दोष भारतीय की जान की कोई कीमत नहीं है? ये झूठे ठेकेदार जवाब दें कि क्या एक भारतीय की जान बचाना देशभक्ति नहीं है?
मैं कहता हूँ की कुलभूषण जाधव की जान बचाना ही सबसे बड़ी देशभक्ति होगी। 

 

                                                 (लेखकः अभिमन्यु_कोहाड़)

                          (नोटः लेखक के निजी विचार से पार्स टूडे का सहमत होना ज़रूरी नहीं।)